Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मशहूर चित्रकार मंजीत बावा का निधन

Advertiesment
हमें फॉलो करें मंजीत बावा
नई दिल्ली (भाषा) , सोमवार, 29 दिसंबर 2008 (23:37 IST)
भारतीय पेंटिंग परिदृश्य में रंगों के साहसिक इस्तेमाल से क्रांति लाने वाले प्रसिद्ध चित्रकार मंजीत बावा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 67 वर्षीय बावा मस्तिष्काघात के बाद पिछले तीन वर्षों से कौमा में थे। वह पंजाब के धुरी इलाके से ताल्लुक रखते थे।

लंदन में सिल्क स्क्रीन पेंटर के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले बावा ने सोमवार सुबह दक्षिणी दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित अपने आवास पर आखिरी साँसें लीं। दिल्ली के कॉलेज ऑफ आर्ट्स और लंदन स्कूल ऑफ प्रिंटिंग से शिक्षा हासिल करने वाले बावा ने रेखाचित्र पेंटर के रूप में काम शुरू किया और इस क्षेत्र में उन्होंने नई ऊँचाई हासिल की।

वह पहले चित्रकार थे, जिन्होंने पाश्चात्य कला में बहुलता रखने वाले भूरे और धूसर रंगों का वर्चस्व खत्म करके उसकी जगह लाल और बैंगनी जैसे भारतीय रंगों को चुना। वह प्रकृति सूफी रहस्यवाद और भारतीय पौराणिक कथाओं से काफी प्रभावित थे।

बावा की जीवनी लिखने वाली इना पुरी ने कहा कि वह आकाश को लाल रंग में उकेरना चाहते थे। उन्हें लाल रंग बेहद पसंद था। वह साहसिक चित्रकार थे, जिनमें लोकप्रिय प्रचलन से बेपरवाह होकर अपने प्रतिबद्धताओं पर आगे बढ़ने का साहस था। हम उन्हें उनकी उर्जा के लिए याद करेंगे।

ललित कला अकादमी के अध्यक्ष अशोक वाजपेई ने बावा को याद करते हुए उन्हें प्रतिबद्धताओं वाला ऐसा शख्सियत बताया, जिसने युवा कलाकारों की मदद की। उन्होंने कहा कि वह हरफनमौला हस्ती थे। हम उनकी कमी महसूस करेंगे।

उन्होंने अपनी पेंटिंग में पशु और पक्षी को अक्सर उकेरा। इसके अतिरिक्त बाँसुरी भी उनकी पसंद रही। उन्होंने प्रसिद्ध बाँसुरी वादक पन्नालाल घोष से बाँसुरी वादन सीखा।

उन्होंने हीर-रांझा की कथा की पात्र राँझा की भी तस्वीर बनाई। इसके अतिरिक्त उन्होंने कुत्तों से घिरे भगवान श्रीकृष्ण की बाँसुरी बजाते हुए तस्वीर बनाई। उन्होंने अपनी पेंटिंग में भगवान श्रीकृष्ण को गायों से घिरा नहीं दिखाया। बावा ने माँ काली और भगवान शिव की भी पेंटिंग बनाई।

प्रधानमंत्री ने शोक जताया : प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने मंजीत बावा के निधन पर गहरा दुख जताया और कहा कि बावा ने सूफी संवेदनाओं का समकालीन भारतीय कला में समावेश किया। अपने शोक संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय कला जगत में बावा के योगदान को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi