नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों से जूझते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले राष्ट्रीय रायफल की 44वीं बटालियन के मेजर मुकुंद वरदराजन को शांतिकाल का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार प्रदान किया।
राष्ट्रपति तथा सशस्त्र सेनाओं के सुप्रीम कमांडर प्रणब मुखर्जी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मेजर वरदराजन को यह सम्मान देने की मंजूरी दी है।
जम्मू-कश्मीर के काजीपातरी में आतंकवादियों की तलाशी अभियान के दौरान हिजबुल आतंकवादियों ने अचानक मेजर वरदराजन को तथा उनकी टुकड़ी पर गोलियों की बौछार कर दी।
घायल होने के बावजूद मेजर वरदराजन ने अदम्य साहस, नेतृत्व और कुशल रणनीति का परिचय देते हुए आतंकवादियों को घेर लिया। इस कार्रवाई में हिजबुल के तीन प्रमुख आतंकवादियों को मार गिराया गया। इस कार्रवाई में मेजर वरदराजन शहीद हो गए। (वार्ता)