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मोदी की पत्नी जशोदाबेन की हिफाजत के खास इंतजाम

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नई दिल्ली , शनिवार, 24 मई 2014 (18:35 IST)
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नई दिल्ली। एक छोटे से गांव और आश्रमों में अपना वक्त गुजारने वाली नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन को अब एसपीजी सुरक्षा मिलेगी। उनके साथ ही मोदी की मां हीराबेन के लिए भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

फिलहाल इस तरह की सिक्योरिटी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी को मिली हुई है।

अगले पन्ने पर क्या कहा जशोदाबेन ने....


प्रधानमंत्री की शपथ लेने जा रहे नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदा बेन ने कहा है कि वह इस बात से बेहद खुश हैं कि वह (नरेंद्र मोदी) इस शीर्ष पद पर आसीन होने जा रहे हैं और उन्होंने पहली बार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

जशोदा बेन ने गुजराती टीवी चैनल टीवी9 से एक साक्षात्कार में कहा कि यह मेरे लिए अति हर्ष का विषय है। मुझे उनकी पत्नी होने का गर्व है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगी कि वह तेजी से आगे बढ़ते रहें। उन्होंने मोदी के प्रति इस बात को लेकर आभार प्रकट किया कि उन्होंने इस बार लोकसभा चुनाव में अपने नामांकन पत्र में उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

उन्होंने कहा कि उन्होंने (मोदी ने) जब 2014 में वड़ोदरा से चुनाव नामांकन पत्र भरा, तो पहली बार उन्होंने मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार किया। कई सालों बाद उन्होंने मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार किया, मुझे अच्छा लगा। वह मुझे इतने सालों बाद भी याद करते हैं।

अगले पन्ने पर, चारों धाम के दर्शन कर जब वड़ोदरा पहुंचीं जशोदाबेन..


जशोदाबेन चारों धाम की यात्रा पूरी करके अब वड़ोदरा पहुंच चुकी हैं। यह संयोग ही है कि प्रधानमंत्री बनने के लिए जिस दिन मोदी ने गुजरात छोड़ा, उसी रात जशोदाबेन चारों तीर्थों की यात्रा करके गुजरात वापस पहुंची।

गुरुवार को उन्होंने कर्नाटक के कोप्पल जिले में गंगावती तालू के दर्शन किए। साथ ही वह हनुमान का जन्मस्थान माने-जाने वाली अंजनाद्रि पहाड़ियां भी घूमीं। लोकल मीडिया के मुताबिक, तकरीबन 1500 भक्तों का समूह गंगावती के दर्शन करने आया था, जिसमें जशोदाबेन भी थीं।

दूसरी ओर जिला पुलिस को इस बात का पता ही नहीं चल पाया कि जशोदाबेन उनके क्षेत्र में मौजूद हैं। हालांकि मंदिर सूत्रों के मुताबिक, उन्हें विशेष पूजा करने की इजाजत दी गई थी। दर्शन के बाद जशोदाबेन ट्रेन से गुजरात के लिए रवाना हुईं और गुरुवार देर रात वड़ोदरा पहुंचीं।

मोदी जब देशभर में रैलियां कर रहे थे, तब जशोदाबेन भी उपवास और तीर्थयात्राएं कर रही थीं। खबरों के मुताबिक, जशोदाबेन ने संकल्प लिया था कि जब तक मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन जाते तब तक वह चावल नहीं खाएंगी और नंगे पैर रहेंगी।

गौरतलब है कि जशोदाबेन फिलहाल गुजरात के उंझा के एक गांव में अपने भाई के घर पर रहती हैं। उनके एक भाई अशोक छोटी-सी किराने की दुकान चलाते हैं और दूसरे भाई कमलेश एक फैक्ट्री में काम करते हैं। घर के बाद जशोदाबेन अपना वक्त आश्रमों में बिताती हैं। मोदी और उनकी शादी को 43 साल हो चुके हैं, पर दोनों अलग-अलग रहते हैं। शादी के वक्त मोदी की उम्र 17 और जशोदाबेन की 15 वर्ष थी। वह 2009-10 में सरकारी टीचर की नौकरी से रिटायर हुई थीं।

अगले पन्ने पर पीएम आवास में रहना चाहती है जशोदाबेन...


मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने कहा है कि उन्हें मोदी की पत्नी होने पर गर्व है और अगर बुलाया गया, तो उन्हें मोदी के साथ प्रधानमंत्री निवास सात रेसकोर्स रोड में रहने में कोई ऐतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बुलाया गया, तो वह शपथ ग्रहण में भी जाएंगी।

जशोदाबेन ने शुक्रवार को एक गुजराती न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि दोनों भले अलग-अलग रहते हैं, लेकिन उनका तलाक नहीं हुआ है। जशोदाबेन ने कहा कि शादी के बाद वह जितने भी समय मोदी के साथ रहीं, उन्होंने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया और पढ़ाई जारी रखने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

जशोदाबेन ने कहा कि चूंकि मोदी ने अपनी जिंदगी देश सेवा में समर्पित कर दी है, इसलिए उन्होंने व्यक्तिगत जीवन और संसार का त्याग किया। जशोदाबेन ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके पति के लिए देश सबसे ऊपर है, लेकिन अगर वह अब भी उन्हें अपने साथ रहने के लिए आमंत्रित करें, तो वह ऐसा करने को तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने मोदी के प्रधानमंत्री बनने के लिए क्या मन्नतें मांगी थीं, जशोदाबेन ने कहा कि ये निजी बातें हैं इसलिए वह इस पर कुछ नहीं कहेंगी।

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