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शहर जहां पर 7 सालों से नहीं रहते इंसान

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, बुधवार, 5 अक्टूबर 2016 (16:01 IST)
ओक्लाहोमा (अमेरिका)। क्या आप ऐसे किसी शहर की कल्पना कर सकते हैं, जो कि लोगों के लिए वांछित सारी सुविधाओं से युक्त है लेकिन यहां कोई नहीं रहता है? अमेरिका के ओक्लाहोमा राज्य में पिशेर नाम का ऐसा शहर है, जो कि पूरी तरह से निर्जन, सुनसान है और यहां कोई नहीं रहता है। इसका कारण यह है कि इसे एक बहुत ही खतरनाक स्‍थान के तौर पर जाना जाता है और इस कारण से पिछले 7 वर्षों से यह शहर वीरान पड़ा हुआ है। 
 
पिशेर को अमेरिका का सबसे जहरीला टाउन माना जाता है और एक समय था, जब इसे अमेरिका के खनन उद्योग में पहले नंबर पर गिना जाता था। लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत में इसे पूरी तरह से खाली कर दिया गया और तब से इस शहर में कोई नहीं गया। इस नगर को वर्ष 2009 में खाली करा दिया गया था। यहां पर जिंक और लीड जैसी धातुएं काफी मात्रा में पाई जाती थीं। वर्ष 1913 में जब ओक्लाहोमा की विकास योजना बनाई गई तो इसे सबसे पहले स्थान पर रखा गया था। 
 
लेकिन साल 2009 में इस शहर को खाली करवा दिया गया था। तब से यहां कोई भी नहीं गया। यहां जिंक और लीड जैसे मिनरल काफी ज्यादा पाए जाते थे इसलिए यहां काफी तेजी से इंडस्ट्रियल सेक्टर की ग्रोथ हुई। 1913 में जब ओक्लाहोमा का डेवलपमेंट प्लान चल रहा था तब पिशेर को इंडस्ट्रियल सेक्शन में सबसे टॉप पर रखा गया था।
 
10 हजार की आबादी वाले इस कस्बे का नामी पिशेर लीड कंपनी के मालिक ओलिवर पिशेर ने नाम पर रखा गया था लेकिन बाद में कस्बे के हालात इतने खराब हो गए कि धातुओं की प्रचुरता के कारण लोगों का जीना ही मुश्किल हो गया। वर्ष 1996 तक यह हाल हो गया कि यहां के 34 फीसदी बच्चे लीड के जहर के शिकार हो गए थे। 
 
10 हजार आबादी वाले इस टाउन का नाम पिशेर लीड कंपनी के मालिक ओलिवर पिशेर के ऊपर रखा गया। लेकिन वहां के हालात इतने बुरे हो गए कि यहां रहने वाले लोगों की लाइफ पर खतरा मंडराने लगा। 1996 तक पिशेर में रहने वाले 34% बच्चे लीड पॉइजनिंग का शिकार हो गए थे। साल 2009 में पिशेर टाउन को खाली करवा दिया गया था। जानकारों का कहना है कि कस्बे की हवा और पानी दोनों में जहर मिल गया है। 
 
जानकारी के अनुसार यहां की हवा और पानी दोनों जहरीले हो गए थे। जिंक और लीड के खनन की वजह से यहां काफी अमाउंट में टौक्सिक वेस्ट जमा हो गया। इस शहर को अमेरिका के भुतहा शहरों में एक माना जाता है लेकिन यहां की खूबसूरती आज भी वैसी ही बनी हुई है। जिंक और शीशे के खनन के कारण यह बहुत बड़ी मात्रा में जहरीला कचरा जमा हो गया जिसको ठिकाने लगाना इतनी बड़ी समस्या साबित हुई कि कस्बे को छोड़ने में भी लोगों की भलाई समझी गई। 

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