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सत्य साईं का प्रशांति निलयम

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हमें फॉलो करें प्रशांति निलयम
, सोमवार, 25 अप्रैल 2011 (23:26 IST)
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* सत्य सांई ने पुट्टपर्ती में प्रशांति निलयम आश्रम की स्थापना की, जिसका उद्घाटन बाबा के 25वें जन्मदिन पर 1950 में उन्हीं द्वारा किया गया। वर्तमान में यह आश्रम आध्यात्मिक ज्ञान-जागृति केंद्र के रूप में विकसित है।

* यहाँ देश ही नहीं, विश्वभर से लाखों की संख्या में विभिन्न धर्मों और मतों को मानने वाले सत्य सांई बाबा के दर्शन करने आते थे। उनके प्रति आस्था का सैलाब इतना ज्यादा था कि देश-विदेश में बसे कई सांई भक्तों के घरों में सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों तथा चित्रों से विभूति, कुमकुम, शहद, रोली शिवलिंग आदि प्रकट होते देखे गए हैं।

सत्य सांईबाबा का शांतिधाम : आँध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले के छोटे से गाँव पुट्टपर्ती में बाबा का आश्रम बना है। इस आश्रम को बाबा के भक्तों ने बनाया, जो 'प्रशांति निलयम' नाम से जाना जाता है।

भक्तों को दर्शन :. * प्रशांति निलयम का अर्थ होता है 'शांति प्रदान करने वाला स्थान।' प्रतिदिन सत्य सांई बाबा के भक्त दूर-दूर से उनका आशीर्वाद लेने यहाँ आते थे। धीरे-धीरे प्रसिद्घि की सीढ़ियाँ चढ़ने वाले इस गाँव में अब एक आधुनिक अस्पताल के साथ हवाई अड्डा भी बना दिया गया है। आश्रम में सत्य सांई बाबा के प्रशिक्षण प्राप्त भक्त रोज मंत्रोच्चारण करते हैं, जिसके पश्चात सांई बाबा अपने भक्तों को सचाई, ईमानदारी, शांति और सद्भाव जैसे जीवन तथ्यों के बारे में उपदेश देते थे।

सांई दर्शन : * सांई आश्रम में प्रतिदिन सुबह ओम के उच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होती है, उसके बाद सुबह की प्रार्थना (सुप्रभातम) की जाती है। आश्रम में दिन में दो बार भजन होते थे तथा सत्य सांईबाबा के दर्शन भी दो बार किए जा सकते थे, लेकिन सत्य सांईबाबा के बाद अब यह क्रम खंडित हो गया!

* दर्शन के दौरान सत्य सांईबाबा अपने भक्तों के बीच रम जाते थे। वे उनमें से कुछ भक्तों से बात भी करते थे और उन्हें विभूति (भभूत) प्रदान करते। इसके अलावा अलग से भी भक्तों को समूह में बुलाया जाता, जहाँ सांईबाबा उनसे बात करते थे।

* हर साल 23 नवंबर को श्री सांईबाबा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में इस आश्रम में सुंदर सजावट की जाती थी। राजनेता और कई बड़ी हस्तियाँ इस मौके पर उनका आशीर्वाद लेने यहाँ पहुँचते थे।

... वो ऐतिहासिक दिन :
23 नवंबर 1995 को अनंतपुर जिले के पुट्टपर्ती गाँव में जितनी भीड़ उमड़ी थी, उसे लोग आज भी याद करते हैं। इस छोटे से कस्बे में सत्य सांईबाबा का 70वाँ जन्मदिन मनाया गया था। उस दिन ऐसा लग रहा था, मानो पूरा विश्व ही उमड़ पड़ा हो! कस्बे के हर बड़े भवन पर एक ही नाम था 'सांईबाबा' और हर एक की जुबान पर भी वही नाम था।

सांईबाबा का आश्रम 'प्रशांति निलयम' लोगों से भरा था। जो न केवल पूरे देश से, बल्कि दुनियाभर से वहाँ जमा हुए थे। तत्कालीन राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा और प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव से लगाकर देश की हर बड़ी हस्ती बाबा के दर्शनों के लिए हाथ जोड़े खड़ी थी।

हवाई सेवा : सांईबाबा के कारण कभी छोटा-सा गाँव रहा पुट्टपर्ती अब हवाई सेवा से भी जुड़ा है। हैदराबाद और बेंगलुरू हवाई अड्डे से यहाँ पहुँचा जा सकता है। बेंगलुरू हवाई अड्डे से इस स्थान की दूरी 120 किमी है।

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