Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सिख विरोधी दंगे, आदेश सुरक्षित

हमें फॉलो करें सिख विरोधी दंगे, आदेश सुरक्षित
नई दिल्ली (भाषा) , शनिवार, 23 मई 2009 (20:22 IST)
दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों की याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रखा। इनमें कहा गया था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर की कथित संलिप्तता के बारे में फैसला करते समय उन्हें सुना जाना चाहिए।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) राकेश पंडित ने दंगा पीड़ितों और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध समिति द्वारा दायर याचिकाओं पर आदेश के लिए तीन जून की तिथि तय की है।

पीड़ितों की ओर से वरिष्ठ वकील एचएस फूलका ने कहा कि उनके मुवक्किलों को अधिकार है कि मामले में उन्हें सुना जाए। दलील के दौरान सीबीआई के वकील एके श्रीवास्तव ने एसीएमएम के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया और कहा कि मामला सत्र अदालत में भेजा जाए।

सीबीआई ने दो अप्रैल को टाइटलर के खिलाफ मामला बंद करने की माँग की थी और दावा किया था कि उनके खिलाफ कोई भी पर्याप्त सबूत नहीं है।

सीबीआई ने मामले में महत्वपूर्ण गवाह जसबीरसिंह का पता लगाने में नाकाम रहने के बाद 28 सितंबर 2007 को टाइटलर (65) को क्लीन चिट भी दे दी थी।

हालाँकि अदालत ने सीबीआई की समापन रिपोर्ट को स्वीकार करने से मना कर दिया था और एजेंसी को निर्देश दिया था कि मामले में और जाँच की जाए। एजेंसी को सिंह का बयान दर्ज करने के लिहाज से इसके अधिकारियों को अमेरिका भेजने के लिए कहा गया।

टाइटलर ने न्यायमूर्ति जीटी नानावती आयोग की रिपोर्ट के मद्देनजर 2005 में संप्रग सरकार के केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

मामला 1 नवंबर 1984 को घटी एक घटना से संबंधित है, जब भीड़ ने दिल्ली में गुरुद्वारा पलबंगश को जला दिया था और तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी।

गवाह जसबीरसिंह ने 31 अगस्त 2000 को आयोग को बताया था कि उसने तीन नवंबर 1984 की रात को टाइटलर को अपने क्षेत्र में कम संख्या में सिखों के मारे जाने को लेकर अपने आदमियों को फटकारते हुए सुना था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi