Ramcharitmanas

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सुनंदा के शरीर पर थे एक दर्जन चोट के निशान...

Advertiesment
हमें फॉलो करें सुनंदा पुष्कर
नई दिल्ली , गुरुवार, 3 जुलाई 2014 (14:44 IST)
FILE
नई दिल्ली। एम्स के फोरेंसिक विभाग के प्रमुख गुरुवार को अपने उस विवादित बयान पर कायम रहे जिसमें उन्होंने कहा था कि शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में छेड़छाड़ के लिए उन पर दबाव डाला गया था।

प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान एम्स द्वारा इस दावे को खारिज किए जाने के एक दिन बाद डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने कहा कि मैंने जो कहा, मैं उस पर कायम हूं।

जब एम्स द्वारा उनके बयान को खारिज करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे कैसे जानते हैं कि मुझ पर कोई दबाव नहीं था? वे इस बात को स्पष्ट करने वाले कौन होते हैं कि मुझ पर कोई दबाव नहीं था? संवाददाता सम्मेलन बुलाने की जल्दी क्या थी?

गुप्ता ने बताया कि सिर्फ सुनंदा पुष्कर के पोस्टमॉर्टम में ही नहीं, बल्कि बहुत से अन्य मामलों में मैंने चिकित्सा के सिद्धांतों और अभ्यास एवं इसके नैतिक मूल्यों और कानूनी प्रावधानों के अनुसार पोस्टमॉर्टम रिपोर्टों को अंतिम रूप दिया। मैं कभी भी जीवन में दबाव के आगे झुका नहीं। उन्होंने कहा कि उनकी सभी रिपोर्टें वास्तविक थीं।

इस साल जनवरी में होटल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई सुनंदा पुष्कर के शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले 3 सदस्यीय दल के प्रमुख गुप्ता के आरोप को खारिज करते हुए एम्स ने कहा था कि इस बात का कोई भी सबूत नहीं है कि शव परीक्षण रिपोर्ट को बदलने के लिए उन (सुधीर गुप्ता) पर कोई बाहरी दबाव था।

52 वर्षीय सुनंदा 17 जनवरी की रात को दक्षिण दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में मृत पाई गई थीं। इससे पहले थरूर के साथ पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के कथित संबंधों के चलते उनकी तरार के साथ टि्वटर पर तकरार हुई थी।

शव परीक्षण की रिपोर्ट में सुनंदा के दोनों हाथों पर एक दर्जन से भी ज्यादा चोट के निशानों और गाल पर रगड़ की बात कही गई थी, जो ‘किसी भोथरी वस्तु’ के उपयोग की ओर इशारा करती है। इसके अलावा उनकी बाईं हथेली पर ‘दांत से काटने का गहरा निशान’ था।

एम्स में शव परीक्षण के बाद उनके विसरा नमूनों को सुरक्षित रख लिया गया था और इन्हें आगे के परीक्षण के लिए सीएफएसएल के पास भेज दिया गया था।

पुलिस के अनुसार सीएफएसएल रिपोर्ट में ड्रग पॉयजनिंग के संकेत दिए गए थे लेकिन ये नतीजे उतने निर्णायक नहीं थे कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा सके। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi