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सौंदर्य का परचम फिर लहराएगी पूजा चोपड़ा

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नई दिल्ली , बुधवार, 9 दिसंबर 2009 (13:51 IST)
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नब्बे के दशक में भारतीय सुंदरियों के अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना परचम लहराने के बाद आए अकाल को दूर करने की उम्मीदों के साथ पूरे देश और दुनिया की निगाहें 12 दिसंबर को जोहांसबर्ग में मिस इंडिया पूजा चोपड़ा होंगी।

मिस वर्ल्ड सौंदर्य प्रतियोगिता में पूजा चोपड़ा के पीछे भारतीय सुंदरियों की लम्बी विरासत है। साठ के दशक में रीता फारिया के सबसे पहले मिस वर्ल्ड के ताज पर कब्जा करने के बाद नब्बे के दशक में ऐश्वर्या राय (1994), डायना हेडन (1997), युक्ता मुखी (1999) और प्रियंका चोपड़ा (2000) ने खूबसूरती की दुनिया में भारतीय सौंदर्य का सिक्का जमाया।

हालाँकि इसके बाद अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में देश को सूखे के लम्बे दौर से गुजरना पड़ रहा है। देशवासियों की इस जबर्दस्त उम्मीद का अहसास पूजा को भी है। पूजा चोपड़ा ने कहा कि निश्चित तौर पर मुझ पर लोगों को बड़ी आशाएँ हैं और मुझसे पहले इससे बड़े नाम जुड़े हुए हैं। मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूँगी।

जब उनसे पूछा गया कि अगर वह ब्यूटी क्वीन नहीं होती तो क्या होती? पूजा ने कहा कि निश्चित तौर पर आईएएस अधिकारी। बचपन से ही मैं किरण बेदी की बड़ी प्रशंसक रही हूँ। उन्होंने कहा कि इन दिनों वह खानपान पर काफी ध्यान दे रही हैं और कम कैलोरी वाला भोजन ले रही हैं।

पूजा से पूछा गया कि पिछले तीन महीने के दौरान मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की प्रक्रिया में प्रतियोगियों के बीच उन्होंने भारत की किस प्रकार की छवि पायी? उन्होंने कहा कि आप विश्वास नहीं करेंगे, प्रतियोगियों में बॉलीवुड, यहाँ के नृत्य, भारतीय व्यंजन, फिल्मों आदि के बारे में काफी उत्सुकता थी। और मैंने इन्हें सभी विषयों के बारे में बताया।

उन्होंने कहा यहाँ तक कि प्रतियोगिता की प्रक्रिया के दौरान हम जहाँ भी गए, वहाँ लोगों ने विशेष तौर पर 'मिस इंडिया' से मिलवाने का आग्रह किया। इसका कारण पूर्व भारतीय सुंदरियों की ओर से प्रतियोगिता में स्थापित उच्च मानदंड रहे।

पूजा ने कहा यहाँ लोगों ने खास तौर पर ऐश्वर्या राय बच्चन की चर्चा की, जिन्होंने 15 वर्ष पहले विश्व सुंदरी के ताज पर कब्जा किया था। आम तौर पर यह धारणा है कि बड़े घरों और संपन्न माता पिता की संतानें ही सौंदर्य और मॉडलिंग की दुनिया में प्रवेश कर पाती हैं, लेकिन इसके विपरीत पूजा चोपड़ा का बचपन काफी कठिनाइयों में बीता। जब पूजा काफी छोटी थी तब उनके पिता ने उन्हें छोड़ दिया और उनका पालन पोषण उनकी माँ ने किया।

स्कूल और कॉलेज की शिक्षा के दौरान पूजा ने सभी क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया। पुणे स्थित नेस वाडिया कालेज से स्नातक पूजा 'कॉलेज सुंदरी' का ताज जीतने के बाद 'मिस पुणे' रही और बाद में मॉडलिंग के क्षेत्र में कदम रखा। पैंटालून मिस इंडिया 2009 में पूजा चोपड़ा को अंतिम सूची में सीधे प्रवेश दिया गया। (भाषा)

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