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हमारे पास जादू की छड़ी नहीं-सोनिया

भाजपा को कोसा, नंदीग्राम पर चुप्पी

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हमें फॉलो करें सोनिया गाँधी परमाणु समझौता
नई दिल्ली (भाषा) , रविवार, 18 नवंबर 2007 (10:06 IST)
पिछले साढ़े तीन साल से गठबंधन के बोझ तले दबी कांग्रेस में भविष्य में उन्मुक्त होकर अपना पुराना गौरव पाने की ललक और लालसा के स्वर शनिवार को साफ-साफ सुनाई पड़े।

सोनिया गाँधी ने दो टूक कहा कि गठबंधन में काम करने का मतलब यह कतई नहीं है कि कांग्रेस हमेशा के लिए अपनी राजनीतिक जमीन खो दे।

राहुल गाँधी के नेतृत्व की प्राण प्रतिष्ठा करने वाली इस महासमिति में गुजरात के विधानसभा चुनाव और नंदीग्राम के हादसे की हवा भी कभी-कभी बही, जहाँ भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति को कोसने में कोई कंजूसी नहीं बरती गई, वहीं नंदीग्राम पर शीर्ष नेतृत्व की जगह प्रणब मुखर्जी से पेशबंदी कराई गई।

महासमिति के कुछ संदेश थे। सोनिया गाँधी ने साफ किया कि मध्यावधि चुनाव की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि एंटी इनकम्बेंसी अंतिम सत्य नहीं है। इससे बचा जा सकता है, बशर्ते सक्रियता और जनसंपर्क से आप अपने लक्ष्य साधते रहें।

अपनी और राहुल को हर मर्ज की दवा मानने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं को सोनिया ने दो टूक कहा कि मेरे और राहुल के हाथ में कोई जादू की छड़ी नहीं है। आप सबको सहयोग करना होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने यहाँ तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस महासमिति की बैठक में अपने उद्‍घाटन भाषण में कहा कि गठबंधन का मतलब है सभी पक्षों का सकारात्मक सहयोग, लेकिन किसी गठबंधन में काम करने का यह मतलब नहीं है कि हम हमेशा के लिए अपनी राजनीतिक जगह खो दें।

कई मुद्दों पर वामपंथी और अन्य दलों के साथ मतभेदों का सामना कर रही कांग्रेस की अध्यक्ष ने कहा ‍कि मैं आपके सामने सीधे यह स्वीकार करती हूँ कि यह एक संतुलन है, एक राजनीतिक चुनौती है, लेकिन मेरा यह निश्चित विचार है कि हमें कांग्रेस को अपनी पहले की सबसे महत्वपूर्ण स्थिति में पहुँचाना है।

परमाणु करार पर वामपंथियों के विरोध का स्वर कमजोर पड़ने के बीच सोनिया ने मध्यावधि चुनाव की संभावनाओं को भी खारिज-सा करते हुए ऐलान किया कि आप जानते ही हैं कि 2009 में लोकसभा चुनाव होना हैं।

अँग्रेजी और हिन्दी के मिले-जुले अपने करीब 30 मिनट के भाषण में कांग्रेस प्रमुख ने यहाँ भारत-अमेरिका परमाणु समझौते की जोरदार वकालत करते हुए इसे भारत के हित में बताया और भाजपा की जमकर खबर ली।

प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने वामदलों और भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि यह प्रोपेगंडा किया जा रहा है कि परमाणु समझौते से देश का सामरिक कार्यक्रम प्रभावित होगा, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है।

उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले हफ्तों में सरकार किसानों की स्थिति में सुधार के लिए शीघ्र ही और कदम उठाएगी। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत की गरीबी दर एक दशक में घटकर इकाई अंक में रह जाएगी।

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