नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को बताया कि देश में वर्ष 2015 से 2019 के बीच बलात्कार के 1.71 लाख मामले दर्ज किए गए और इस जघन्य अपराध के सर्वाधिक मामले मध्यप्रदेश में दर्ज किए गए। राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 से 2019 के बीच मध्यप्रदेश में बलात्कार के 22,753 मामले दर्ज किए गए जबकि राजस्थान में 20,937 मामले, उत्तर प्रदेश में 19,098 मामले और महाराष्ट्र में 14,707 मामले दर्ज किए गए।
मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2015 से 2019 के बीच दिल्ली में बलात्कार के 8,051 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने बताया कि पूरे देश में वर्ष 2015 में बलात्कार के 34,651 मामले, 2016 में 38,947 मामले, 2017 में 32,559 मामले, 2018 में 33,356 मामले और 2019 में 32,033 मामले दर्ज किए गए।
देश की विभिन्न जेलों में 4,78,600 कैदी बंद : सरकार ने बुधवार को कहा कि 31 दिसंबर 2019 की स्थिति के अनुसार देश के विभिन्न कारागारों में 4,78,600 कैदी बंद थे, जिनमें 1,44,125 दोषी ठहराए गए कैदी थे, जबकि 3,30,487 विचाराधीन व 19,913 महिलाएं थीं।
गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट वर्ष 2019 की है और 31 दिसंबर 2019 की स्थिति के अनुसार देश के विभिन्न कारागारों में कैदियों की कुल संख्या 4,78,600 थी। इनमें से 1,44,125 दोषसिद्ध कैदी थे।
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की जेलों में हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई कैदियों की संख्या क्रमश: 321155, 85307, 18001 और 13782 थी।
मिश्रा ने बताया कि 31 दिसंबर 2019 की स्थिति के अनुसार, विभिन्न जेलों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) व अन्य श्रेणी के कैदियों की संख्या क्रमश: 99273, 53336, 162800 और 126393 थी।(भाषा)