लोकसभा चुनाव 2024 से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लालकिले से आखिरी भाषण है। ...और उनका भाषण भी चुनावी ही था। उन्होंने ज्यादातर वक्त अपनी दोनों कार्यकाल की उपलब्धियों को ही गिनाया। हालांकि 2047 तक विकसित भारत और अगले 5 साल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की बात भी कही। परिवारवाद, भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण पर भी वे हमेशा की तरह बोले। मणिपुर पर भी वही सब कुछ बोला, जो उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में बोला। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र द्वारा लाल किले की प्राचीर से दिए गए भाषण की 10 बड़ी बातें...
मणिपुर : मणिपुर प्रधानमंत्री मोदी ने वही बोला जो अविश्वास प्रस्ताव के समय संसद में बोला था। उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोगों ने पिछले कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उस शांति के पर्व को बनाएं रखें। पूरा देश मणिपुर के साथ है और शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा। मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। राज्य व केंद्र की सरकारें मिलकर वहां समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि शांति से ही प्रगति होती है। हालांकि उन्होंने अपने भाषण में नूंह हिंसा का जिक्र नहीं किया।
महंगाई : मोदी ने कहा कि दुनिया महंगाई की समस्या से जूझ रही है। हमें महंगाई भी इंपोर्ट करना पड़ती है। हम जब सामान बाहर से मंगाते हैं, तब महंगाई भी आती है। देश में महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में हमारा प्रयास जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि मुद्रास्फीति के 14 अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में खुद्रा मुद्रास्फीति की दर 15 महीने के उच्चतम स्तर पर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई।
स्थिर सरकार : मोदी ने कहा कि देश की प्रगति और विकास के लिए स्थिर और पूर्ण बहुमत वाली सरकार का होना जरूरी है। 30 साल के अनिश्चितता के कालखंड के बाद देश के लोगों ने 2014 में एक स्थिर सरकार दी। स्थिर और बहुमत की सरकार के कारण ही मोदी में सुधार की हिम्मत आई। जब आपने एक मजबूत सरकार फार्म (गठित) की तो मोदी ने रिफॉर्म (सुधार) किया, नौकरशाही ने परफॉर्म (अच्छा काम) किया तथा जनता जुड़ गई तो ट्रांसफार्म (बदलाव) हुआ।
युवा : युवाओं की बात करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे देश के युवाओं ने दुनिया के पहले 3 स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारत को स्थान दिलाया और भारत के इस सामर्थ्य को देखकर विश्व के युवाओं को आश्चर्य हो रहा है। आज झुग्गी-झोपड़ी से निकले बच्चे दुनिया में पराक्रम दिखा रहे हैं, छोटे-छोटे गांव, कस्बे के नौजवान, हमारे बेटे-बेटियां आज कमाल दिखा रहे हैं। मोदी ने कहा- देश में अवसरों की कमी नहीं है, जितने अवसर की जरूरत होगी, उतने अवसर निकाले जाएंगे।
नए लक्ष्य : मोदी ने कहा- यह मोदी की गारंटी है कि अगले 5 साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2047 तक हम देश को विकसित भारत बनाएगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है। उन्होंने कहा कि 2014 में भारत अर्थव्यवस्था के मामले में 10वें स्थान पर था, लेकिन हम उसे पांचवें स्थान पर लेकर आ गए।
सुरक्षा : देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की सीमाएं पहले से अधिक सुरक्षित हुई हैं। अब देश सुरक्षित महसूस कर रहा है। आतंकवाद और श्रृंखलाबद्ध धमाके बीते समय की बात हैं। नक्सली घटनाओं में भी कमी आई है।
परिवारवाद पर निशाना : प्रधानमंत्री मोदी लालकिले से भी परिवारवाद पर निशाना साधने में नहीं चूके। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी है। परिवारवाद ने लोगों का हक छीना है। परिवारवाद के के चलते योग्यता को नकारा जाता है, लोगों के सामर्थ्य को स्वीकार नहीं जाता। तुष्टीकरण की नीति पर पीएम ने निशाना साधा।
स्वास्थ्य : प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य के मामले में अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत हमने 70 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं ताकि गरीब को दवाई मिले, उनका अच्छे से इलाज हो। देश में 25 हजार जन औषधि केंद्र बनाने के लक्ष्य को लेकर काम करेंगे। हमने पशुधन को बचाने के लिए करीब 15 हजार करोड़ रुपए टीकाकरण पर लगाए हैं।
महिला नेतृत्व : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जी-20 समूह ने महिलाओं के नेतृत्व में विकास के भारत के दृष्टिकोण को स्वीकार किया है। देश में महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों की संख्या 10 करोड़ है। उन्होंने कहा कि महिला समूहों को ड्रोन उड़ाने और सुधारने की ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गांवों में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाएंगे। यह सुनिश्चित करना हर किसी की जिम्मेदारी है कि हमारी बेटियों के साथ कोई अत्याचार न हो।
विश्वकर्मा योजना : चुनाव से पहले ओबीसी पर डोरे डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कई समुदायों को नई ताकत देने के लिए अगले महीने विश्वकर्मा जयंती के मौके पर विश्वकर्मा योजना आरंभ की जाएगी। यह योजना भारत के लाखों व्यवसाइयों और कारीगरों के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी। आने वाली विश्वकर्मा जयंती पर करीब 13 से 15 हजार करोड़ रुपए से विश्वकर्मा योजना प्रारंभ की जाएगी।