Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों का खुला पत्र, कहा- भारत को NRC, CAA की जरूरत नहीं

हमें फॉलो करें 100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों का खुला पत्र, कहा- भारत को NRC, CAA की जरूरत नहीं
, गुरुवार, 9 जनवरी 2020 (19:47 IST)
नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून (CAA) की संवैधानिक वैधता पर गंभीर आपत्तियों का उल्लेख करते हुए 100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने गुरुवार को लोगों को एक खुला पत्र लिखकर कहा है कि एनपीआर और एनआरसी अनावश्यक और व्यर्थ की कवायद है जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को दिक्कत होगी।
 
नौकरशाहों में दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग, तत्कालीन कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला शामिल हैं। इन लोगों ने साथी नागरिकों से इस पर जोर देने का आग्रह किया है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय पहचानपत्र से संबंधित नागरिकता कानून 1955 की प्रासंगिक धाराओं को निरस्त करे।
 
पत्र में लिखा है, 'ऐसे समय जब देश की आर्थिक स्थिति पर देश की सरकार की ओर से गंभीर ध्यान दिये जाने की जरूरत है, भारत ऐसी स्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकता जिसमें नागरिकों और सरकार के बीच सड़कों पर टकराव हो। ना ही ऐसी स्थिति वांछित है जिसमें बहुसंख्यक राज्य सरकारें एनपीआर या एनआरआईसी लागू करने को तैयार नहीं हैं जिससे केंद्र और राज्य के संबंधों में एक गतिरोध उत्पन्न हो...।'
 
पत्र में लोगों से सरकार से यह भी आग्रह करने के लिए कहा गया है कि वह विदेशी (न्यायाधिकरण) संशोधन आदेश, 2019 के साथ ही डिटेंशन कैंप निर्माण के सभी निर्देश वापस ले और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), 2019 को रद्द करे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

उप महाद्वीप में कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी भारत में वनडे श्रृंखला के लिए तैयार हैं : फिंच