नई दिल्ली/जम्मू। जम्मू वायुसेना हवाई अड्डे पर हुए विस्फोट के करीब 5 घंटे के भीतर मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने यहां शहर के बाहरी इलाके बेलीचेराना से 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
देश में अपनी तरह के पहले हमले में जम्मू में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) बेस पर विस्फोटकों को एयरड्रॉप करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जिसके कारण रविवार को तड़के दो कम तीव्रता वाले विस्फोट हुए, जिनमें दो सैनिक घायल हो गए।
एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू वायुसेना स्टेशन के उच्च सुरक्षा क्षेत्र में अपराह्न करीब सवा दो बजे कम तीव्रता वाले दो विस्फोट हुए। विश्वसनीय सूत्रों ने कहा कि एनआईए की टीम ने वायुसेना स्टेशन विस्फोट की घटना में बेलीचेराना इलाके से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
मीडिया खबरों के मुताबिक इनसे कई अहम जानकारियां हासिल हो सकती हैं। एजेंसियों के मुताबिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) और MI-17 हेलीकॉप्टर इस ड्रोन हमले के लक्ष्य थे। इस बीच इस हमले में घायल जवानों से एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया से फोन पर बात की।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया था कि पुलिस अन्य एजेंसियों के साथ जम्मू हवाई क्षेत्र में हुए विस्फोटों पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू हवाई क्षेत्र में दोनों विस्फोटों में ड्रोन के इस्तेमाल से विस्फोटक सामग्री गिराये जाने का संदेह है।
वायु सेना के अधिकारियों ने अपने ट्वीट में कहा कि एक विस्फोट से एक इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचा जबकि दूसरा विस्फोट एक खुले क्षेत्र में हुआ। अधिकारी ने कहा, “विस्फोट के कारण छत और खिड़कियों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए हैं।”
वायु सेना के दो जवान डब्ल्यूओ अरविंद सिंह और एलएसी एस के सिंह को मामूली चोटें आई हैं और उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया है। आईएएफ ने स्पष्ट किया कि इस हमले में किसी भी उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ। नागरिक एजेंसियों के साथ जांच जारी है।
यह घटना रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचने से कुछ घंटे पहले हुई थी जो केंद्र शासित प्रदेश में और सीमाओं पर समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए लद्दाख पहुंचे हैं। (वार्ता)