Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बांग्लादेश में 2 और हिंदू ब्रह्मचारी गिरफ्तार, अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर सरकार ने दिया यह बयान

हमें फॉलो करें बांग्लादेश में 2 और हिंदू ब्रह्मचारी गिरफ्तार, अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर सरकार ने दिया यह बयान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 30 नवंबर 2024 (22:47 IST)
Bangladesh violence case : अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन), कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने शनिवार को दावा किया कि बांग्लादेश में 2 और हिंदू ब्रह्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। ढाका में एक हिंदू नेता की गिरफ्तारी को गलत तरीके से पेश किया गया है और उन्हें विशिष्ट आरोपों को लेकर गिरफ्तार किया गया है। बांग्लादेश ने अल्पसंख्यक मुद्दों से जुड़े संयुक्त राष्ट्र मंच से यह बात कही।
 
राधारमण ने कहा, मुझे जानकारी मिली है कि बांग्लादेश में पुलिस ने इस्कॉन के दो और ब्रह्मचारियों को गिरफ्तार किया है। राधारमण ने शुक्रवार रात को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, इस बीच, बुरी खबर आई है : चिन्मय प्रभु के लिए प्रसाद लेकर गए दो ब्रह्मचारियों को मंदिर लौटते समय गिरफ्तार कर लिया गया, और चिन्मय प्रभु के सचिव भी लापता हैं। कृपया उनके लिए प्रार्थना करें।
 
इससे पहले, राधारमण ने पोस्ट किया था, एक और ब्रह्मचारी, श्री श्याम दास प्रभु को आज चटोग्राम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। राधारमण ने शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, क्या वह आतंकवादी जैसा दिखते हैं? बांग्लादेश के इस्कॉन के निर्दोष ब्रह्मचारियों को रिहा किया जाए। इस्कॉन के ब्रह्मचारियों की गिरफ्तारी बेहद चौंकाने वाली और परेशान करने वाली है।
उनकी टिप्पणी आध्यात्मिक नेता चिन्मय दास की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद ‘इस्कॉन’ के तीन और ब्रह्मचारियों की गिरफ्तारी की अपुष्ट खबरों की पृष्ठभूमि में आई है। ‘बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत’ के प्रवक्ता रहे चिन्मय दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में भाग लेने के लिए चटगांव जा रहे थे। चटगांव की एक अदालत ने मंगलवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया।
 
बांग्लादेश ने कहा- अल्पसंख्यकों पर कोई सुनियोजित हमला नहीं हुआ : ढाका में एक हिंदू नेता की गिरफ्तारी को गलत तरीके से पेश किया गया है और उन्हें विशिष्ट आरोपों को लेकर गिरफ्तार किया गया है। बांग्लादेश ने अल्पसंख्यक मुद्दों से जुड़े संयुक्त राष्ट्र मंच से यह बात कही। उसने दावा किया कि देश में अल्पसंख्यकों पर कोई सुनियोजित हमला नहीं हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के पूर्व सदस्य और हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को राजद्रोह के एक मामले में चटगांव की छठी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया।
 
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और जेनेवा में अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में बांग्लादेश के दूत एवं स्थाई प्रतिनिधि तारिक मोहम्मद अरिफुल इस्लाम ने कहा, हम बेहद निराशा के साथ यह कहते हैं कि चिन्मय दास की गिरफ्तारी को कुछ वक्ताओं ने गलत रूप में लिया है, जबकि वास्तव में उन्हें विशिष्ट आरोपों को लेकर गिरफ्तार किया गया था। हमारी अदालत इस मामले पर विचार कर रही है।
 
इस्लाम ने 28-29 नवंबर को जेनेवा में अल्पसंख्यक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के मंच के 17वें सत्र के दौरान यह बयान दिया। हिंदू समूह सम्मिलिता सनातनी जोते के नेता चिन्मय दास को जेल भेजे जाने के बाद राजधानी ढाका और बंदरगाह शहर चटगांव सहित विभिन्न जगहों पर हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
भारत ने इन घटनाक्रमों पर गहरी चिंता जताई है, जबकि दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया है। सत्र के दौरान कुछ बांग्लादेशी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और व्यक्तियों ने देश की स्थिति के बारे में बात की। इंटरनेशनल फोरम फॉर सेक्युलर बांग्लादेश (आईएफएसबी) के एक प्रतिनिधि ने कहा कि देश की मौजूदा स्थिति बहुत चिंताजनक और बहुत ज्वलंत मुद्दा है।
 
चिन्मय दास की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए प्रतिनिधि ने कहा कि इस्कॉन एक बहुत लोकप्रिय और शांतिपूर्ण संगठन है, लेकिन उसके पूर्व नेता को बिना किसी आरोप के गिरफ्तार किया गया है। उन्हें तीन दिन पहले ढाका में गिरफ्तार किया गया था और अब बांग्लादेश में हर दिन... पुलिस, सेना... अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहे हैं।
 
इस्लाम ने कहा कि बांग्लादेश इस बात की पुष्टि करता है कि प्रत्‍येक बांग्लादेशी को धार्मिक पहचान की परवाह किए बिना अपने संबंधित धर्म का पालन करने या स्वतंत्र रूप से विचार व्यक्त करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, अल्पसंख्यक समुदाय सहित प्रत्‍येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की प्राथमिकता बना हुआ है।
इस्लाम ने कहा, हमारे शीर्ष नेतृत्व द्वारा अल्पसंख्यक धार्मिक नेताओं को बार-बार यह आश्वासन दिया गया है और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के शुरुआती 100 दिनों में यह बार-बार साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में पांच अगस्त के बाद राजनीतिक और व्यक्तिगत कारणों से हिंसा भड़की थी, न कि सांप्रदायिक वजह से।
 
इस्लाम ने कहा, हिंसा ने ज्यादातर पक्षपातपूर्ण राजनीतिक संबद्धता वाले लोगों को प्रभावित किया। इनमें से लगभग सभी मुस्लिम थे और केवल कुछ अन्य अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों के थे। (इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बलिया : बिश्‍नोई गिरोह के नाम पर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष से मांगी 10 करोड़ की रंगदारी