राम जनमानस के प्राण हैं, 22 जनवरी आध्यात्मिक चेतना का दिन
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा- नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के बिना राम मंदिर निर्माण संभव नहीं था
Amit shah in Lok sabha on Ram Mandir: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बजट सत्र के आखिरी दिन राम मंदिर निर्माण पर चर्चा करते हुए कहा लोकसभा में कहा कि 22 जनवरी तक दिन 10 हजार साल तक इतिहास में गिना जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मंदिर कानून के मुताबिक बना है।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी का दिन (राम मंदिर लोकार्पण का दिन) आध्यात्मिक चेतना का दिन है। यह महान भारत की यात्रा की शुरुआत है। शाह ने कहा कि हमने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबा इंतजार किया। राम मंदिर को धर्म से नहीं जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। राम मंदिर कानून के मुताबिक बना और इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ाई गई। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अपमान ठीक नहीं है।
शाह ने कहा कि रामायण को कई देशों ने स्वीकारा है, राम मंदिर के निर्माण का स्वागत होना चाहिए। राम मंदिर के निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुए शाह ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के बिना राम मंदिर का निर्माण संभव ही नहीं था।
गोगोई के भाजपा पर तीखे हमले : वहीं, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी सर्वधर्म सद्भाव और सभी के सुखी होने की महात्मा गांधी की रामराज्य की परिकल्पना के आधार पर देश की सेवा करती आई है, जबकि भाजपा नीत राजग सरकार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और महिलाएं सभी के साथ अन्याय और भेदभाव हो रहा है।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि गत 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान जाने से इसलिए रोका गया ताकि उन्हें टीवी चैनलों पर आने का मौका नहीं मिले। गोगोई ने कहा कि भाजपा सदस्यों के जय श्रीराम के नारे में कटुता और क्रोध नजर आता है। उन्होंने भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी के बीच कहा कि अगर आपकी वाणी में घृणा हो तो आप रामभक्त हो ही नहीं सकते।
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस देश का जन्म 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद नहीं हुआ। इस देश का जन्म 22 जनवरी 2024 को नहीं हुआ। राम लला 500 वर्ष पहले भी हमारे साथ थे। आज भी हैं, कल आपकी सरकार जाने के बाद भी हमारे साथ रहेंगे। राम हमारे मन में हैं। उन्होंने कहा कि गांधीजी की रामराज्य की परिभाषा है, जहां सभी खुश हैं, कोई दुखी नहीं।
क्या है रामराज्य का रहस्य : गोगोई ने कहा कि मेरा हिंदू धर्म सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाता है। इसमें रामराज्य का रहस्य छिपा है। उन्होंने कहा कि भगवान राम की सेना में पिछड़े, वंचित और शोषित लोग थे, उन्होंने सभी को ताकत दी थी, आत्मविश्वास दिया था। यही तो गांधी के रामराज्य की परिभाषा थी। लेकिन आज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। क्या यह रामराज्य है। पिछड़ा वर्ग जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है क्योंकि उनके साथ अन्याय हो रहा है, भेदभाव हो रहा है।
गोगोई ने कहा कि हम राम मंदिर निर्माण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि हम धर्म निरपेक्षता में विश्वास रखते हैं, हम सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि मैं सत्तापक्ष को सतर्क करना चाहूंगा कि हम नाथूराम (गोडसे) का रास्ता छोड़ें। अहंकार के रोग से बचें। रावण को अहंकार ने ही मारा। आपका अहंकार आपको महंगाई, देश में बढ़ती अस्थिरता को देखने से रोकता है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala