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लॉटरी पर लगेगा 28% GST, 38 बैठकों में पहली बार वोटिंग से हुआ फैसला

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, बुधवार, 18 दिसंबर 2019 (23:24 IST)
नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने बुधवार को राज्यों तथा निजी क्षेत्र की लॉटरी के लिए 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का निर्णय लिया। जीएसटी परिषद ने पहली बार मतदान के जरिये किसी मुद्दे पर निर्णय लिया।
 
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने जीएसटी परिषद की 38वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि लॉटरी की नई दर मार्च 2020 से प्रभावी होगी।
 
जीएसटी परिषद की इस 38वीं बैठक में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी मुद्दे पर बहुमत से निर्णय लेने के लिए मतदान का सहारा लेना पड़ा। इससे पहले जीएसटी परिषद की 37 बैठकों में विभिन्न मुद्दों पर एकमत से निर्णय लिए गए।
 
राज्यों को जीएसटी के तहत राजस्व संग्रह में कमी के लिये मिलने वाली क्षतिपूर्ति पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के आमने-सामने आ जाने के बाद लॉटरी के मुद्दे पर एक राय नहीं बन पा रही थी। जीएसटी परिषद ने बुने गए तथा बिना बुने गए थैलों पर जीएसटी की दर घटाकर 18 प्रतिशत करने का भी निर्णय लिया।
 
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पांडेय ने बताया कि बैठक में औद्योगिक पार्क स्थापित करने में सुविधा के लिए औद्योगिक भूखंडों के दीर्घकालिक पट्टों पर ऐसे निकायों को जीएसटी से छूट देने का निर्णय भी किया गया, जिनमें केंद्र या राज्य सरकार की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अभी तक सिर्फ उन निकायों को छूट मिल रही थी, जिनमें केंद्र या राज्य सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है।
 
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय तथा राज्य स्तर पर शिकायत निपटान समितियों का गठन करने का भी निर्णय लिया गया, जिनमें केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी दोनों के अधिकारी शामिल होंगे। इनके अलावा व्यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल रहेंगे।
 
अभी लॉटरी पर कराधान में दो तरह की व्यवस्था है। इसके तहत राज्य की लाटरी की राज्य में बिक्री पर 12 प्रतिशत और राज्य के बाहर की बिक्री पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है। 21 राज्यों ने 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का समर्थन किया, जबकि सात राज्यों ने इसका विरोध किया।
 
लॉटरी उद्योग लंबे समय से 12 प्रतिशत की दर से एकसमान कर लगाने तथा पुरस्कार की राशि को करमुक्त करने की मांग कर रहा था। उसका कहना था कि दोहरे कर से लॉटरी उद्योग की वृद्धि पर असर पड़ रहा है।
 

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