नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने एस्सार समूह के प्रोमोटर और टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के आरोपी रविकांत रुइया की विदेश जाने की अर्जी मंगलवार को यह कहते हुए ठुकरा दी कि वह एक बार धोखा खा चुका है, अब नहीं खाएगा।
न्यायमूर्ति जेएस केहर और न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा की पीठ ने रुइया की याचिका की सुनवाई के दौरान किसी का नाम लिए बिना कहा कि उसका अनुभव ठीक नहीं रहा है। हाल ही में एक आरोपी विदेश गया और वापस नहीं लौटा। न्यायालय का इशारा शराब कारोबारी विजय माल्या की ओर था। शीर्ष अदालत ने कहा, एक बार धोखा खा चुके हैं, अब नहीं खाएंगे।
रुइया ने कारोबार के सिलसिले में दो माह के लिए कनाडा, सऊदी अरब, ब्रिटेन और रुस जाने की इजाजत मांगी थी। उनका कहना था कि इन जगहों पर उनका बिजनेस लिंक है, साथ ही यह दलील भी दी कि वे इस मामले में सिर्फ धोखाधड़ी के आरोपी हैं। उन पर कोई और मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार न्यायालय उन्हें विदेश जाने की इजाजत दे चुका है और इस बार भी उन्हें जो निर्देश दिया जाएगा उसका वे पालन करेंगे।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि अगर रुइया को विदेश जाने की इजाजत दी गई तो आशंका है कि वे वापस न आएं, क्योंकि वे एक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) हैं। ऐसे में उन्हें विदेश से वापस भारत लाना काफी मुश्किल होगा।
सीबीआई ने न्यायालय को यह भी बताया कि टूजी मामले में विशेष अदालत ने अपनी कार्रवाई लगभग पूरी कर ली है और इसका फैसला अगले साल जनवरी या फरवरी में आने की संभावना है। इसके बाद न्यायालय ने रुइया की विदेश जाने की अनुमति वाली याचिका खारिज कर दी। (वार्ता)