नोएडा के सेक्टर-67 में मैरियन बायोटेक लिमिटेड कंपनी में निर्मित कफ सिरप डॉक-1 मैक्स पीने से कुछ दिन पहले उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की हुई मौत के मामले में पुलिस ने दवा कंपनी के 3 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि केस दर्ज होने की भनक लगते ही दवा कंपनी के मालिक दंपति फरार हो गए। उज्बेकिस्तान सरकार की सूचना के आधार पर डब्ल्यूओएच ने भारत सरकार को इस मामले में चेताया था।
खबरों के अनुसार, उज्बेकिस्तान में कफ सिरप से हुई मौत के मामले में नोएडा स्थित दवा कंपनी के 3 अधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन तीनों की गिरफ्तारी गुरुवार (2 मार्च) को दर्ज हुई एफआईआर के बाद हुई है। दिसंबर के महीने में उज्बेकिस्तान ने दावा किया था कि भारतीय कफ सिरप से उसके देश में 18 बच्चों की मौत हो गई।
पुलिस आयुक्त कार्यालय ने बताया कि गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर आशीष ने थाना फेस -3 में बीती रात को रिपोर्ट दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया है कि सेक्टर 67 स्थित एक दवा बनाने की कंपनी में निर्मित कफ सिरप मानकों के ऊपर खरा नहीं उतरा।
भारत के सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (CDSCO) के ड्रग इंस्पेक्टर ने यह शिकायत की थी। इसमें भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक के 2 डायरेक्टर सहित 5 लोगों के नाम थे। पुलिस ने इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावल तथा मूल सिंह आदि के खिलाफ औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए तुहीन भट्टाचार्य, अतुल रावत तथा मूल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
हालांकि कंपनी के मालिक दंपति फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।दूसरी ओर दवा रिकॉर्ड मेंटनेंस के अलावा रॉ मैटेरियल खरीद की जानकारी समय से नहीं उपलब्ध कराने पर कंपनी का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है।
कंपनी से दवाओं के सैंपल लिए एफएसडीए की टीम जांच के लिए भेजी थी, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मेरठ से औषधि विभाग की जांच टीम सहयोग के लिए भेजी थी, जिन्होंने सिरप के सैंपल भी लिए थे, जो कि जांच के बाद फेल हो गए थे।
Edited By : Chetan Gour