देश की आजादी के 60 साल में अभी तक 48 बार लाल किले की प्राचीर पर कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया है और इस बार प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह तिरंगा फहराकर इस आँकडे़ को 49 तक ले जाएँगे।
भाजपा के नेता अटलबिहारी वाजपेयी उन प्रधानमंत्रियों में शुमार हैं, जिन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरू और श्रीमती इंदिरा गाँधी के बाद सबसे अधिक बार लालकिले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का गौरव प्राप्त हुआ।
आजादी के 60 साल में अभी तक 12 प्रधानमंत्रियों ने यह श्रेय प्राप्त किया है, जबकि दो प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से ध्वज नहीं फहरा पाए।
आजादी की वर्षगाँठ का प्रतीक माने जाने वाले लालकिले के ध्वजारोहरण की शुरुआत 16 अगस्त 1947 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने की थी और इसके बाद उन्होंने 17 बार लाल किले के परकोटे पर ध्वज फहराने का कीर्तिमान स्थापित किया, जिसे कोई प्रधानमंत्री नहीं तोड़ पाया।
पंडित नेहरू की बेटी दिवंगत इंदिरा गाँधी इस कीर्तिमान के बहुत करीब पहुँच गईं थी, जिन्होंने 16 बार ध्वज फहराया। इसके बाद वाजपेयी तीसरे नंबर पर हैं, जिन्होंने अपने तीन कार्यकाल में छह बार लाल किले पर ध्वजारोहण किया।
लालकिले के ध्वजारोहण रिकॉर्ड को देखे तो 38 बार नेहरू-गाँधी खानदान से जुडे़ प्रधानमंत्री ने ध्वजारोहण किया। पीवी नरसिंह राव ने भी राजीव गाँधी के बराबर ही पाँच बार तिरंगा फहराया।
लाल बहादुरी शास्त्री ने 1964 और 1965 में ध्वजारोहण किया और मोरारजी भाई देसाई ने 1977 और 1978 में देश को लाल किले से सम्बोधित किया। विश्वनाथ प्रतापसिंह ने 1990 में एचडी देवेगौडा ने 1996 में और इंद्र कुमार गुजराल ने 1997 में तिरंगा फहराया। दो बार संक्षिप्त समय के लिए अंतरिम प्रधानमंत्री रहे गुलजारी लाल नंदा और चंद्रशेखर राष्ट्रीय ध्वज फहरा नहीं पाए।