नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र व भारतीय रिजर्व बैंक से कहा कि वह नए नोटों व सिक्कों के स्वरूप की समीक्षा करें, क्योंकि दृष्टिबाधित लोगों को इनकी पहचान व इस्तेमाल में परेशानी हो रही है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायाधीश सी हरिशंकर की पीठ ने केंद्र व भारतीय रिजर्व बैंक से कहा है कि उसे 50 रुपए व 200 रुपए के नए नोटों की समीक्षा करनी चाहिए, क्योंकि दृष्टिबाधित लोगों को उनकी पहचान व इस्तेमाल में दिक्कत हो रही है। यह दिक्कत इन नोटों के आकार व छपाई के कारण है।
अदालत ने कहा, यह मुद्दा ऐसा है जिसके आपको खुद ही सुलझाना होगा। आप (सरकार, आरबीआई व याचिकाकर्ता) साथ बैठें और इसे सुलझाएं। पीठ ने कहा कि अधिकारियों को इस बारे में जानकर दृष्टिबाधित विशेषज्ञों व अन्य लोगों से विचार-विमर्श करना चाहिए।
इसके साथ ही अदालत ने अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन से भी पूछा कि नोटों का आकार पहले की तरह ही क्यों नहीं रखा गया। इस मामले में अब 16 फरवरी को सुनवाई होगी। (भाषा)