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ई लर्निंग के लिए करीब 56 प्रतिशत बच्चों के पास स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं

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, शनिवार, 13 जून 2020 (17:21 IST)
नई दिल्ली। स्कूली छात्रों पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक करीब 56 प्रतिशत बच्चों को स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं है जबकि लॉकडाउन के दौरान 'ई-लर्निंग' के लिए यह एक आवश्यक उपकरण के रूप में उभरा है। यह अध्ययन 42,831 स्कूली छात्रों पर किया गया।
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'कोविड-19 के बीच परिदृश्य : जमीनी स्थिति एवं संभावित समाधान' शीर्षक वाला अध्ययन बाल अधिकार मुद्दों पर काम करने वाले गैरसरकारी संगठन स्माइल फाउंडेशन ने किया है। इस अध्ययन का उद्देश्य प्रौद्योगिकी की उपलब्धता का विश्लेषण करना है।
 
अध्ययन के नतीजों से यह प्रदर्शित होता है कि सर्वेक्षण में शामिल किए गए 43.99 प्रतिशत बच्चों को स्मार्टफोन उपलब्ध है और अन्य 43.99 प्रतिशत छात्रों को बेसिक फोन उपलब्ध है जबकि 12.02 प्रतिशत के पास इन दोनों में से कोई भी फोन उपलब्ध नहीं है। अध्ययन में कहा गया कि कुल 56.01 प्रतिशत बच्चों को स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं है।
 
इसमें कहा गया है कि टीवी के बारे में इस बात का जिक्र किया गया है कि 31.01 प्रतिशत बच्चों के घर टीवी नहीं है। इस तरह यह पता चलता है कि सीखने की प्रक्रिया के लिए सिर्फ स्मार्टफोन का उपयोग करना एकमात्र समाधान नहीं है। यह अध्ययन 1ली कक्षा से लेकर 12 कक्षा तक के छात्रों पर किया गया।
 
यह अध्ययन दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना सहित 23 राज्यों में 16 से 28 अप्रैल के बीच 12 दिनों की अवधि के दौरान किया गया।

गौरतलब है कि कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के दौरान स्कूल और कॉलेज बंद हैं। इस वजह से इन संस्थानों ने शिक्षण कार्य और पठन-पाठन की गतिविधियों के लिए ऑनलाइन मंच का रुख किया है।
 
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश में 35 करोड़ से अधिक छात्र हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कितने के पास डिजिटल उपकरण या इंटरनेट उपलब्ध हैं। स्माइल फाउंडेशन के सहसंस्थापक शांतनु मिश्रा ने कहा कि अध्ययन के नतीजों से यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होता है कि 'डिजिटल डिवाइड' एक असली चुनौती है तथा इसे पाटने के लिए पूरे राष्ट्र में विभिन्न कदम उठाए जाने की जरूरत है। 
 
जिन लोगों के पास सूचना प्रौद्योगिकी उपलब्ध है और जिनके पास यह उपलब्ध नहीं है, उनके बीच मौजूद इस अंतराल को 'डिजिटल डिवाइड' कहा जाता है। (भाषा)

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