नई दिल्ली। वाम समर्थित छात्र संगठन 'स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया' (एसएफआई) ने बुधवार को दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने 70 से अधिक ऐसे छात्रों को हिरासत में लिया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बने बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र को दिखाने की घोषणा के बाद 4 छात्रों को हिरासत में लिए जाने का विरोध करने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया में एकत्र हुए थे।
इस संबंध में पुलिस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। परिसर के बाहर छात्र जमा थे, वहीं बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवानों को भी गेट पर तैनात किया गया है।
एसएफआई की दिल्ली राज्य कमेटी के सचिव प्रीतीश मेनन ने दावा किया कि पुलिस ने वहां एकत्र प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा, हम प्रदर्शन शुरू करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। उन्हें थाने ले जाया गया।
इससे पहले एसएफआई की जामिया इकाई ने एक पोस्टर जारी किया जिसके अनुसार एससीआरसी लॉन गेट नंबर 8 पर शाम छह बजे वृत्तचित्र दिखाया जाना था। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्होंने चार छात्रों को हिरासत में लिया है।
विश्व विद्यालय प्रशासन ने कहा कि स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी और वे विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण अकादमिक माहौल को तबाह करने के निहित स्वार्थ वाले लोगों तथा संगठनों को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बयान में कहा कि वृत्तचित्र के प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई है और इसे प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा। विश्वविद्यालय ने कहा, विश्वविद्यालय प्रशासन के संज्ञान में आया है कि एक राजनीतिक संगठन से जुड़े कुछ छात्रों ने आज विश्वविद्यालय परिसर में एक विवादित वृत्तचित्र के प्रदर्शन के बारे में पोस्टर बांटे हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले एक पत्र जारी कर कहा था कि सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति के बिना परिसर में छात्रों की सभा या बैठक अथवा किसी फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी। विश्वविद्यालय ने कहा कि किसी भी तरह का उल्लंघन होने पर आयोजकों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली के ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी मंगलवार को वृत्तचित्र का प्रदर्शन आयोजित किया गया था और आयोजक छात्रों ने दावा किया कि इस दौरान बिजली आपूर्ति और इंटरनेट रोक दिया गया तथा उन पर पथराव किया गया।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)