नई दिल्ली। देश में पिछले करीब 3 वर्ष में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 90174 मामले दर्ज किए गए, जिसमें दहेज उत्पीड़न के 1096 मामले और बलात्कार/ बलात्कार की कोशिश से जुड़े 4873 मामले शामिल हैं। लोकसभा में हाजी फजलुर रहमान के प्रश्न के लिखित उत्तर में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने यह जानकारी दी।
ईरानी ने बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2020 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 23719 मामले, वर्ष 2021 में 30863 मामले, वर्ष 2022 में 30956 मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2023 में 8 मार्च तक महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 4636 मामले दर्ज किए गए हैं।
लोकसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में दहेज उत्पीड़न के 1096 मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें वर्ष 2020 में 330 मामले, वर्ष 2021 में 341 मामले, वर्ष 2022 में 357 मामले तथा 2023 में 8 मार्च तक 41 मामले शामिल हैं।
वहीं वर्ष 2020 में बलात्कार/ बलात्कार की कोशिश से जुड़े 1236 मामले, वर्ष 2021 में 1681 मामले, वर्ष 2022 में 1710 मामले तथा 023 में 8 मार्च तक ऐसे 246 मामले दर्ज किए गए।
ईरानी ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार प्रभावी कदम उठाती है जिसमें पुलिस के साथ समन्वय, विदेशी दूतावास से सहायता लेना, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण से सहायता प्राप्त करना, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी से मदद प्राप्त करना और कानूनी परामर्श देना आदि शामिल हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)