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शाजिया इल्मी का 'आप' से इस्तीफा

हमें फॉलो करें शाजिया इल्मी का 'आप' से इस्तीफा
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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक शाजिया इल्मी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

आप संयोजक अरविन्द केजरीवाल पर निशाना साधते हुए इल्मी ने कहा कि जेल के खेल से कुछ नहीं होने वाला। पार्टी द्वारा बार-बार किए जाने वाले धरने-प्रदर्शन की भी आलोचना की। शाजिया इस बात का खंडन किया कि उन्होंने गाजियाबाद चुनाव को लेकर पार्टी छोड़ी है।

उन्होंने कहा कि जिस आंदोलन और पार्टी के साथ मैं तन-मन से जुड़ी हुई थी, मैं उसके सभी पदों से त्यागपत्र दे रही हैं। शाजिया पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी सदस्य रही हैं। अन्ना आंदोलन के समय इंडिया अगेंस्ट करप्शन की प्रवक्ता भी रही थीं इल्मी। उल्लेखनीय है कि इल्मी ने हाल ही में गाजियाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जहां से वे अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई थी। अरविन्द केजरीवाल के लिए क्या बोलीं शाजिया... पढ़ें अगले पेज पर...

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पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए शाजिया ने कहा कि अरविन्द पार्टी में लोकतंत्र लागू नहीं कर पा रहे हैं। पार्टी के भीतर कुछ लोग ही फैसले ले रहे हैं।

बाकी लोगों को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि आप अलग नतीजे चाहते हैं तो आपको कुछ अलग करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि जेल के तमाशे से कुछ नहीं होने वाला, अरविन्द केजरीवाल को बेल बॉन्ड भरना चाहिए और लोगों के बीच जाना चाहिए। शाजिया ने कहा कि पार्टी गलत दिशा में जा रही है और न ही स्वराज का पालन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि आप बाहर तो लोकतंत्र की बात करती है, लेकिन पार्टी के भीतर ही लोकतंत्र नहीं है।

लोगों का इसलिए भरोसा टूटा आप से... पढ़ें शाजिया की जुबानी...


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आम आदमी पार्टी की पूर्व नेता शाजिया ने कहा कि पार्टी को लेकर सबका भरोसा कम हुआ है। पार्टी ने कई गलतियां की हैं। हालांकि उन्होंने इस बात से स्पष्ट इनकार किया कि वे किसी और पार्टी में शामिल होने जा रही हैं।

शाजिया ने कुछ खास नेताओं और उद्योगपतियों पर निशाना साधने को लेकर भी पार्टी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कुछ खास लोगों पर ही हमला क्यों किया जाता है। उन्होंने कहा कि पार्टी के फैसलों में मेरी हिस्सेदारी नहीं होती। एक तरह से मुझे दरकिनार कर दिया गया है।

क्यों परेशान थीं शाजिया इल्मी... पढ़ें अगले पेज पर...


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उन्होंने कहा कि मैंने काफी सोचने के बाद यह फैसला लिया है। अरविन्द को आत्ममंथन की जरूरत है। शाजिया ने कहा कि गाजियाबाद चुनाव के समय भी मुझे कुछ लोगों ने बहुत परेशान किया था, मैं तब भी पार्टी छोड़ना चाहती थी, लेकिन चुनाव की वजह से मैंने ऐसा नहीं किया।

शाजिया ने कहा कि पार्टी और कई लोग हैं जो असंतुष्ट हैं, लेकिन वे कुछ बोल नहीं पा रहे हैं, मगर मुझे चुप रहना मंजूर नहीं था। अत: मैं इस फैसले पर पहुंची।

दूसरी ओर आप नेता योगेन्द्र यादव ने इल्मी के इस्तीफे को दुखद बताया। उन्होंने कहा कि शाजिया ने कई मुद्दे उठाए हैं और पार्टी में आत्ममंथन की जरूरत बताई। हम भी ऐसा महसूस करते हैं। हम गलतियों से सीखेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी में शाजिया की फिर वापसी होगी।

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