नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए आधार को जोड़ने की अनिवार्यता की समय सीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दी गई है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड की 3 सदस्यीय खंडपीठ को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सूचित किया कि आधार को जोड़ने की समयसीमा दिसंबर के अंत में खत्म हो रही थी जिसे अगले साल 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है।
वेणुगोपाल ने कहा कि हमने इसे 31 मार्च 2018 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इन योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं के वकील ने बैंक खातों और मोबाइल नंबरों से भी आधार को जोड़ने की अनिवार्यता का मुद्दा उठाया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि हालांकि सरकार ने समयसीमा अगले साल मार्च तक बढ़ाने का फैसला किया है लेकिन इसके बावजूद आधार से संबंधित मुख्य मामले पर शीघ्र सुनवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उसने यह भी नहीं कहा है कि जो अपने आधार को बैंक खातों या मोबाइल नंबर से नहीं जोड़ना चाहते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।
दीवान ने कहा कि इस मामले में अंतिम सुनवाई जरूरी है। वे बयान दे सकते हैं कि जो लोग आधार जोड़ना नहीं चाहते हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
अटॉर्नी जनरल ने जब यह कहा कि उन्हें कुछ बिन्दुओं पर निर्देश प्राप्त करने हैं तो पीठ ने केंद्र से कहा कि सोमवार को इसका उल्लेख करे। (भाषा)