नई दिल्ली। कल्याणकारी योजनाओं में आधार कार्ड आवश्यक करने पर केंद्र सरकार को झटका लगा है। आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बना सकती। हालांकि कोर्ट ने कहा कि सरकार को बैंक खाते खोलने जैसी अन्य योजनाओं में आधार का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ गठित की जानी है, लेकिन इस समय ऐसा संभव नहीं है। हाल ही में सरकार ने आधार नंबर को बच्चों के लिए मिड डे मिल समेत करीब एक दर्जन योजनाओं के लिए अनिवार्य करने का फैसला किया था। इसमें छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप भी शामिल थी, जिसमें बाद में छूट देने का फैसला किया गया।
एक याचिकाकर्ता के लिए उपस्थित हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दिवाण ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित विभिन्न आदेशों का पालन नहीं कर रही है, जिनमें स्पष्ट था कि आधार का उपयोग स्वैच्छिक होगा, अनिवार्य नहीं।
11 अगस्त 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आधार कार्ड सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ अधिकारियों को एकत्र किए गए निजी बायोमेट्रिक डाटा को साझा करने से रोक दिया था। हालांकि 15 अक्टूबर को 2015 को उसने पुराने प्रतिबंध को वापस ले लिया और मनरेगा, सभी पेंशन योजनाओं भविष्य निधि, और एनडीए सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री जन-धन योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं में आधार कार्ड के स्वैच्छिक प्रयोग की अनुमति दे दी।
क्या कहा खंडपीठ ने : मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सरकार के आधार कार्ड को अनिवार्य करने के खिलाफ दायर याचिका पर यह आदेश दिया। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार कार्ड को आवश्यक नहीं बना सकती है।
पीठ ने यह स्पष्ट किया कि बैंक खाते खोलने जैसी सरकार की अन्य योजनाओं में आधार का उपयोग करने से नहीं रोका जा सकता। शीर्ष अदालत ने कहा सरकार की आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए 7 न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन किया जाना है किंतु फिलहाल ऐसा संभव नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता किंतु गैरलाभकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड इस्तेमाल किया जा सकता है। इस संबंध में न्यायालय का पहले दिया गया आदेश पूरी तरह साफ और स्पष्टता आयकर समेत अन्य गैर लाभकारी योजनाओं में आधार को जरूरी बनाने से सरकार को रोका नहीं जा सकता है।
गौरतलब है कि सरकार ने कई योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने का फैसला किया था। पिछले दिनों वित्त विधेयक चर्चा पर जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा था कि देश में 108 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड हैं। सरकार ने आधार को जिन सामाजिक लाभकारी योजनाओं के आधार को अनिवार्य बनाया था उसमें रसोई गैस की सब्सिडी, खाद्य पदार्थों की सब्सिडी, पिछड़े वर्ग और विकलांगों को मिलने वाली छात्रवृत्ति आदि शामिल हैं। (वार्ता/ एजेंसियां)