नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा कि प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) और भारतीय मूल के व्यक्तियों (पीआईओ) के लिए बैंक खाते और अन्य सेवाओं को आधार के साथ जोड़ना अनिवार्य नहीं है। इसके साथ ही प्राधिकरण ने विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों को ऐसे लोगों की स्थिति की पुष्टि के लिए एक तंत्र तैयार करने के निर्देश दिए।
प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग नियम 2017 और आय कर अधिनियम के तहत उन्हीं लोगों को बैंक खातों और पैन को क्रमशः आधार से जोड़ना निर्धारित है, जो आधार नामांकन के लिए पात्र है।
यूआईडीएआई ने कहा कि सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, राज्य सरकारों और अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों को ध्यान रखना चाहिए कि दस्तावेज के रूप में आधार केवल उन लोगों से मांगा जा सकता है जो आधार अधिनियम के तहत पात्र हैं। ज्यादातर प्रवासी भारतीय/ भारतीय मूल के व्यक्तियों/ ओसीआई आधार नामांकन के लिए पात्र नहीं हो सकते हैं।
यूआईडीएआई ने राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा, 'लाभ और सेवाओं के लिए आधार को जोड़ने या जमा करने संबंधी कानून आधार अधिनियम 2016 के अनुसार निवासियों के लिए लागू होते हैं... आधार अधिनियम के तहत अधिकांश एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई आधार नामांकन के लिए पात्र नहीं हो सकते।' (भाषा)