CBI ने बुधवार को एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड (ABG Shipyard Limited) के पूर्व चेयरमैन ऋषि अग्रवाल को 22 हजार करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार कर लिया। CBI ने ऋषि अग्रवाल और 8 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। साल 2012 और 2017 के बीच, आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया।
खबरों के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के अपराधों के लिए कंपनी के पूर्व चेयरमैन ऋषि अग्रवाल और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। CBI ने आज ऋषि अग्रवाल को धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार कर लिया।
एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड को साल 2016 में 55 करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ और इसके बाद कंपनी की हालत खस्ता होती गई। बाद में कंपनी ने अपनी वित्तीय हालत का हवाला देते हुए कुल 28 बैंकों से कर्ज लिया और इसी बीच बड़े घोटाले को अंजाम दिया।
कंपनी ने स्टेट बैंक से 2925 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक से 7,089 करोड़, आईडीबीआई बैंक से 3,634 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1,614 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक से 1,244 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक से 1,228 करोड़ का कर्ज लिया।
CBI ने इस मामले में पहली शिकायत 8 नवंबर 2019 को की थी। जांच-पड़ताल करने के बाद CBI ने 7 फरवरी, 2022 को मामले में प्राथमिकी दर्ज की। SBI ने बताया कि इन पैसों का इस्तेमाल उन मदों में नहीं हुआ, जिनके लिए इन्हें जारी किया था। CBI ने ऋषि कमलेश अग्रवाल और 8 अन्य लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था।