Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पीएम के खिलाफ टिप्पणी अपमानजनक लेकिन राजद्रोह नहीं, कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

हमें फॉलो करें पीएम के खिलाफ टिप्पणी अपमानजनक लेकिन राजद्रोह नहीं, कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
, शुक्रवार, 7 जुलाई 2023 (14:29 IST)
Karanataka high court : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ राजद्रोह का मामला रद्द करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ इस्तेमाल किए गए असंसदीय शब्द अपमानजनक और गैरजिम्मेदाराना थे, लेकिन ये राजद्रोह के दायरे में नहीं आते।
 
उच्च न्यायालय की कलबुर्गी पीठ के न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदार ने बीदर के न्यू टाउन पुलिस थाने द्वारा शाहीन स्कूल के प्रबंधन से जुड़े व्यक्तियों अलाउद्दीन,अब्दुल खालिक,मोहम्मद बिलाल इनामदार और मोहम्मद मेहताब के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकियों को रद्द कर दिया।
 
अदालत ने कहा कि समाहित की गई भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए)(धार्मिक गुटों के बीच वैमनस्य पैदा करना) मामले में सामने नहीं आई।
 
न्यायमूर्ति चंदनगौदार ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल कि प्रधानमंत्री को चप्पलों से पीटा जाना चाहिए, न केवल अपमानजनक है बल्कि गैरजिम्मेदाराना भी है।
 
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की रचनात्मक अलोचना की अनुमति है लेकिन नीतिगत निर्णय लेने के लिए,जिसे लेकर लोगों के एक खास वर्ग को आपत्ति हो सकती है, संवैधानिक पदाधिकारियों को अपमानित नहीं किया जा सकता।
 
अदालत ने कहा कि यद्यपि ऐसे आरोप लगाए गए थे कि बच्चों ने जो नाटक का मंचन किया उसमें सरकर के कई कानूनों की आलोचना की गई। कहा गया कि अगर ऐसे कानूनों को लागू किया गया तो मुसलमानों को देश छोड़ना पड़ सकता है।
 
नाटक का मंचन स्कूल परिसर के अंदर हुआ। बच्चों ने ऐसे कोई शब्द इस्तेमाल नहीं किए जो हिंसा के लिए लोगों को भड़काते हों अथवा अव्यवस्था फैलाते हों।
 
उच्च न्यायालय ने कहा कि इस नाटक की जानकारी लोगों को तब हुई जब एक आरोपी ने इस नाटक का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया।
 
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि इसकी कल्पना नहीं की जा सकती कि याचिकाकर्ताओं ने नाटक का मंचन सरकार के खिलाफ हिंसा के लिए लोगों को भड़काने के वास्ते अथवा सार्वजनिक अव्यवस्था फैलाने के लिए किया।
 
स्कूल के कक्षा 4, 5 और 6 के छात्रों ने 21 जनवरी 2020 को संशोधित नागरिकता कानून तथा राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ एक नाटक का मंचन किया था और इसके बाद स्कूल प्रशासन के खिलाफ राजद्रोह की प्राथमिकी दर्ज की गई।
Edited by : Nrapendra Gupta 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे राहुल गांधी?