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सत्येंद्र जैन नई मुसीबत में, 7 करोड़ की रिश्वत मामले में FIR दर्ज, पढ़िए क्या है पूरा मामला

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 19 मार्च 2025 (16:56 IST)
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान PWD मंत्री रहे सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होने के नाम नहीं ले रही हैं।  अरविंद केजरीवाल के सबसे खास सिपहसालारों में शामिल जैन के खिलाफ Anti-Corruption Branch (ACB) ने बड़ा कदम उठाया है। भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि उन्होंने 571 करोड़ रुपए  के CCTV प्रोजेक्ट में 16 करोड़ रुपए का जुर्माना माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपए की रिश्वत ली।
 
क्या कहा अधिकारी ने : संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसीबी) मधुर वर्मा ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत सक्षम प्राधिकारी से अनुमति प्राप्त करने के बाद मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गई। वर्मा ने एक बयान में कहा, कि जैन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली भर में सीसीटीवी कैमरे लगाने में देरी के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के क्षतिपूर्ति जुर्माने को मनमाने ढंग से माफ कर दिया। यह छूट कथित तौर पर सात करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के बाद दी गई।’’
 
वर्मा ने कहा कि कई शिकायतों से पता चला है कि परियोजना का क्रियान्वयन लचर तरीके से किया गया तथा कई कैमरे सौंपे जाने के समय काम नहीं कर रहे थे। बयान के अनुसार, यह मामला एक समाचार रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें दावा किया गया था कि सीसीटीवी परियोजना के नोडल अधिकारी जैन को बीईएल और उसके ठेकेदारों पर लगाए गए जुर्माने को माफ करने के बदले में सात करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी।
 
दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने में हुई देरी के कारण तत्कालीन आप सरकार ने अगस्त 2019 में जुर्माना लगाया था। सत्यापन के दौरान, बीईएल के एक अधिकारी ने आरोपों का समर्थन करते हुए एक विस्तृत शिकायत दी।
 
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने वर्मा कहा कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जुर्माना माफ करने के अलावा, बीईएल को 1.4 लाख अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरों के लिए अतिरिक्त ऑर्डर दिए गए थे। वर्मा ने बताया कि रिश्वत कथित तौर पर ठेकेदारों के माध्यम से दी गई थी, जिन्हें अतिरिक्त कैमरा लगाने के ऑर्डर मिले थे।
 
उन्होंने बताया कि एसीबी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और बीईएल से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रही है। वर्मा ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 (लोक सेवक को रिश्वत देने से संबंधित अपराध) और धारा 13(1)(ए) (लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार) के साथ आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है। बयान में कहा गया है कि पूरी साजिश और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों तथा बीईएल अधिकारियों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए व्यापक जांच शुरू की गई है।
 
क्या कहा आतिशी ने : इस बीच, आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने जैन के खिलाफ प्राथमिकी को ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ का मामला बताया। वहीं, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने जैन पर सात करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया।
 
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जब जांच एजेंसियां ​​अपना काम छोड़कर ‘बॉस’ के आदेश पर राजनीतिक प्रतिशोध शुरू कर देती हैं...।’’ आतिशी ने संसद में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के एक जवाब को रेखांकित करने वाला एक दस्तावेज भी साझा किया, जिसमें दावा किया गया था कि पिछले 10 वर्षों में राजनीतिक नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज किए गए 193 मामलों में से केवल दो में ही दोषसिद्धि हुई। सचदेवा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने वर्षों तक भ्रष्टाचार के मामले को छुपाया। इनपुट भाषा

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