Accused in bank fraud case arrested from America : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इंटरपोल रेड नोटिस का सामना कर रहे एक जालसाज को बुधवार को अमेरिका से सफलतापूर्वक वापस लाने में सफलता हासिल की है। वह 23 साल से वांछित था। 25 साल पुराने धोखाधड़ी मामले में आरोपी राजीव मेहता बैंक ड्राफ्ट को अपने पास रख लेता था, जिसे वह बाद में भुना लेता था। वर्ष 2000 से वह फरार था।
साल 2000 से फरार था आरोपी : अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 25 साल पुराने धोखाधड़ी मामले में आरोपी राजीव मेहता बैंक ड्राफ्ट को अपने पास रख लेता था, जिसे वह बाद में भुना लेता था। वर्ष 2000 से वह फरार था। अधिकारियों ने बताया कि ग्लोबल ऑपरेशंस सेंटर ने इंटरपोल के जरिए उसका पता लगाया जिसके परिणामस्वरूप नेशनल सेंट्रल ब्यूरो-वॉशिंगटन ने उसे अपने अधिकार क्षेत्र में ढूंढ लिया।
16 जून 2000 को जारी किया था आरोपी के खिलाफ रेड नोटिस : सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के ग्लोबल ऑपरेशंस सेंटर ने छह मार्च को अमेरिका से आरोपी की भारत वापसी के लिए नेशनल सेंट्रल ब्यूरो-वॉशिंगटन के साथ इंटरपोल चैनल के माध्यम से समन्वय किया। इससे पहले अमेरिकी अधिकारियों ने इंटरपोल के जरिए उसकी भौगोलिक स्थिति का पता लगाया था। इंटरपोल ने सीबीआई के अनुरोध पर 16 जून 2000 को मेहता के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था।
1998 में दर्ज एक आपराधिक मामले में थी सीबीआई को आरोपी की तलाश : प्रवक्ता ने कहा, आरोपी की लोकेशन और गिरफ्तारी के लिए सभी इंटरपोल सदस्य देशों को रेड नोटिस प्रसारित किया गया था। उन्होंने कहा कि 1998 में दर्ज एक आपराधिक मामले में सीबीआई को इस व्यक्ति की तलाश थी।
यह मामला पारगमन में विभिन्न पक्ष के ड्राफ्ट को रोकने और उन्हें भुनाने के उद्देश्य से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, ग्रेटर कैलाश पार्ट-दो, नई दिल्ली में फर्जी बैंक खाते खोलने से जुड़े धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के अपराधों से संबंधित है।
प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी को 1999 में अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किया गया था। उन्होंने कहा, सीबीआई भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में इंटरपोल चैनल के माध्यम से सहायता के लिए भारत में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय करती है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour