अमेरिका के एक अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में मोदी सरकार के खिलाफ छपे विज्ञापन के बाद भारत में विवाद खडा हो गया है। इस विज्ञापन में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को वांटेड बताया गया है। इतना ही नहीं, वित्त मंत्री के साथ ही भारत के 10 अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को भी विदेशी निवेशकों के खिलाफ बताते हुए उन्हें भी वांटेड कहा गया है। विज्ञापन के बाद भारत में राजनीति शुरू हो गई है। यह खबर ट्विटर पर भी चर्चा का विषय बन गई है।
वहीं दूसरी तरफ इस विज्ञापन को भारत में बेहद शर्मनाक बताया जा रहा है। इसे लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने दावा किया कि इस पूरे कैंपेन को देवास मल्टीमीडिया के पूर्व सीईओ रामचंद्रन विश्वनाथन चला रहे हैं। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठकों में भाग लेने के लिए इस वक्त अमेरिका में हैं। यह विज्ञापन भी ठीक इसी दौरान आया है।
इनके नाम भी शामिल
बता दें कि 13 अक्टूबर को प्रकाशित इस विज्ञापन में निर्मला सीतारमण के अलावा एंट्रिक्स कॉर्प के चेयरमैन राकेश शशिभूषण, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सुप्रीम कोर्ट के जज हेमंत गुप्ता, वी रामसुब्रमण्यम, स्पेशल पीसी (भ्रष्टाचार निवारण) एक्ट जज चंद्रशेखर, सीबीआई डीएसपी आशीष पारीक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन का नाम है। इस विज्ञापन में ईडी के सहायक निदेशक आर राजेश और उप निदेशक ए सादिक मोहम्मद का भी नाम शामिल हैं। विज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि इन्होंने सरकारी संस्थानों का गलत इस्तेमाल कर भारत को निवेशकों के लिए असुरक्षित कर दिया है। विज्ञापन के सबसे नीचे एक क्यूआर कोड भी है, जिसे स्कैन करने पर अमेरिकी थिंक टैंक फ्रंटियर्स ऑफ फ्रीडम की वेबसाइट खुलती है।
मंत्रालय की सलाहकार का दावा
बता दें कि हाल ही में निर्मला सीतारमण ने डॉलर की रुपए के मुकाबले तुलना करते हुए कहा था कि रूपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है। जिसके बाद वे ट्रोल हो गईं थीं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने दावा किया कि इस अभियान को देवास मल्टीमीडिया के पूर्व सीईओ रामचंद्रन विश्वनाथन चला रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'धोखेबाजों द्वारा अमेरिकी मीडिया को हथियार बनाना शर्मनाक है। यह चौंकाने वाला घिनौना विज्ञापन भारत और उसकी सरकार को टारगेट करने के लिए छापा गया है। क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे कौन है? यह अभियान भगोड़े रामचंद्र विश्वनाथन द्वारा चलाया जा रहा है, जो देवास के सीईओ थे।'
Edited By Navin Rangiyal