बहुचर्चित अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण को भारत सरकार के लिए एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। इस समय मोदी सरकार राफेल मामले को लेकर विपक्ष के निशाने पर है, ऐसे में क्रिश्चियन मिशेल का प्रत्यर्पण भारतीय राजनीति को और गर्मा सकता है। यह मामला कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल का है।
।क्या है अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला : यह घोटाला तब सुर्खियों में आया जब इटली के एयरोस्पेस और डिफेंस निर्माण से जुड़ी कंपनी फिनमेकानिका के पूर्व मुखिया ओरसी को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अदालत ने कंपनी फिनमेकानिका को दोषी पाया था।ओरसी पर भारत सरकार से वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के इस सौदे को हासिल करने के लिए कथित तौर पर 362 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का आरोप लगा था।खबरों के मुताबिक कोर्ट ने अपने आदेश में फिनमेकानिका की अधीनस्थ (सबसिडरी) कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पैगनोलिनि को साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई।
यूपीए सरकार में हुआ था सौदा : कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने फरवरी 2010 में यूके की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ भारतीय एयरफोर्स के लिए 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद को लेकर एक सौदा किया था। इस सौदे की लागत 3600 करोड़ तय की गई थी, लेकिन साल 2014 जनवरी में अनुबंध की शर्तें पूरी न होने पर और 360 करोड़ रुपए के कमीशन के भुगतान के आरोपों के बाद भारत ने इस अनुबंध को खारिज कर दिया। जिस समय करार पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया, उस समय भारत 30 प्रतिशत भुगतान कर चुका था और तीन अन्य हेलीकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी। रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए।
वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स का सलाहकार था मिशेल : भारत सरकार ने 8 फरवरी 2010 को रक्षा मंत्रालय के जरिए ब्रिटेन की अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लि. को लगभग 55.62 करोड़ यूरो का ठेका दिया था। मिशेल 1980 के दशक से ही कंपनी के साथ काम कर रहा था और इससे पहले उसके पिता भी भारतीय क्षेत्र के लिए कंपनी के सलाहकार रह चुके थे। मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स का सलाहकार बताया जाता है, जिसे हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों और पायलटों की तकनीकी जानकारी थी।
मनीलॉन्ड्रिंग और घूस के आरोप : 3600 करोड़ रुपए की अगस्ता-वेस्टलैंड डील में क्रिश्चियन पर मनीलॉन्ड्रिंग करने, घूस लेने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में मिशेल उन तीन बिचौलियों में से एक हैं, जिनके खिलाफ जांच की जा रही है। इस मामले में गुइदो हाश्के और कार्लो गेरेसा भी शामिल हैं।
दुबई की जेल में बंद था मिशेल : 57 साल का मिशेल फरवरी 2017 में गिरफ्तारी के बाद से दुबई की जेल में था। उसे यूएई में कानूनी और न्यायिक कार्रवाई के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया था। भारत ने 2017 में यूएई से क्रिश्चियन को भारत प्रत्यर्पित करने की आधिकारिक अपील की थी। इस संबंध में यूएई की अदालत को जरूरी दस्तावेज भी सौंपे गए।
तत्कालीन वायुसेना प्रमुख पर षड्यंत्र का आरोप : क्रिश्चियन मिशेल पर आरोप है कि उसने सहआरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचा। सहआरोपी में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। ईडी को जांच में पता चला था कि मिशेल ने अपनी दुबई की कंपनी ग्लोबल सर्विसेज के माध्यम से दिल्ली की एक कंपनी को शामिल करके अगस्ता वेस्टलैंड से रिश्वत ली थी।
एसपी त्यागी को 2016 में गिरफ्तार किया गया था। तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके पारिवारिक सदस्यों पर आरोप है कि षड्यंत्र के तहत उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की उड़ान भरने की ऊंचाई की सीमा को 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 करवा दिया था।
सीबीआई और ईडी की जांच पर भारत ने किया था प्रत्यर्पण का आग्रह : मिशेल के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने औपचारिक रूप से 2017 में आग्रह किया था। यह अनुरोध सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की गई आपराधिक जांच पर आधारित था। ईडी ने मिशेल के खिलाफ जून 2016 में दाखिल अपने आरोप पत्र में कहा था कि मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड से 225 करोड़ रुपए मिले थे। आरोप पत्र के मुताबिक वह राशि और कुछ और नहीं बल्कि कंपनी की ओर से दी गई रिश्वत थी।