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एसबीआई में पांच सहयोगी बैंकों का विलय, बैंक कर्मचारी संघ नाराज

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नई दिल्ली , गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017 (09:21 IST)
नई  दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा पांच अनुषंगी बैंकों के अधिग्रहण को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बारे में ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन का कहना है कि इससे किसी का फायदा नहीं होगा तथा वह इस फैसले का विरोध करेगा।
 
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी। सरकार का कहना है कि इससे बैंकों के कुल परिचालन लागत में पहले साल में एक हजार करोड़ रुपए की बचत होगी। साथ ही जोखिम प्रबंध बेहतर बनेगा तथा एसबीआई पहले से ज्यादा मजबूत होगा। 
 
एसोसिएशन के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम् ने बताया कि संघ इस फैसले के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि विरोध के स्वरूप के बारे में एक-दो दिन में कोई फैसला किया जाए गा। उन्होंने कहा, 'इस समय देश की जरूरत बड़ा बैंक नहीं, बल्कि मजबूत बैंक है।' 
 
उन्होंने कहा पांच अनुषंगी बैंक स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर अपने-अपने राज्यों की जरूरतों के हिसाब से अच्छा काम कर रहे हैं। इनके विलय से एसबीआई के साथ इन पांचों बैंकों का भी नुकसान होगा।
 
श्री वेंकटचलम् ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों की नकल करने से हमारे देश की जरूरतें पूरी नहीं होंगी। ऐसे समय में जब बैंकों की जोखिम में फंसी परिसंपत्ति पहले ही बहुत ज्यादा है, सरकार को विलय की बजाय उसके समाधान पर ध्यान देना चाहिए। (वार्ता)

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