एयर इंडिया ने चीन के दबाव में अपनी वेबसाइट पर ताइवान का नाम बदलकर चीनी ताइपे करने का फैसला किया है। शंघाई स्थित एयर इंडिया के कार्यालय में सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ चाइना की ओर से 25 अप्रैल 2018 को एक लेटर भेजा गया था। जिसमें एयर इंडिया को 25 जुलाई तक ताइवान का नाम बदलकर चीनी ताइपे करने के लिए कहा गया था।
एअर इंडिया की वेबसाइट पर ताइवान को स्वतंत्र देश के रूप में दिखाया जा रहा था, जिस पर चीन को आपत्ति थी और उसने इस पर विरोध भी जताया था। इसके बाद एअर इंडिया ने चीन के दबाव में झुकते हुए ताइवान 25 जुलाई से पहले ही ताइवान को चीनी ताइपे लिखना शुरू कर दिया है।
एयर इंडिया से पहले सिंगापुर, जापान और एयर कनाडा की एयरलाइंस भी अपनी वेबसाइट पर ताइवान का नाम बदल चुके हैं। माना जा रहा है कि भारत ने यह कदम चीन के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए उठाया है।
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, हालांकि ताइवान 1949 में चीनी गृह युद्ध खत्म होने के बाद ताइवान अपनी अलग सरकार चलाता है। चीन ताइवान की स्वतंत्रता को स्वीकार नहीं करता है इसलिए उसने अंतरराष्ट्रीय संगठनों को ताइवान को चीन का हिस्सा मानने की हिदायत दी है। यहीं वजह है कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा ताइवान का नाम चीनी ताइपे प्रयोग किया जाता है
भारत का ताइवान के साथ किसी भी तरह का कूटनीतिक संबंध नहीं है, लेकिन उसके साथ आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध बने हुए हैं।