Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अब सपा के पाले में चले गए चौधरी अजित सिंह

हमें फॉलो करें अब सपा के पाले में चले गए चौधरी अजित सिंह
नई दिल्ली , सोमवार, 30 मई 2016 (11:02 IST)
उत्तर प्रदेश में भाजपा को रोकने के लिए अन्य दल आपस में गठबंधन करने में जुटे हैं। इस संबंध में रालोद के अजीत सिंह ने रविवार को मुलायम सिंह यादव से उनके घर पर मुलाकात की। इस मुलाकात से कयास लगाए जा रहा है दोनों पार्टी के बीच गठबंधन होने का। हालांकि गठबंधन पर अंतिम फैसला दिल्ली में होने वाली शिवपाल और अजीत सिंह की बैठक के बाद तय होगा।
सूत्रों की मानें तो सपा की नजर पश्चिम यूपी के वोट बैंकों पर सेंध लगाने की है। इससे यूपी में सपा दोबारा सरकार बना सकें। ये समाजवादी पार्टी का नया दांव बताया जा रहा है। यूपी में कितनी सीटों पर आरएलडी के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे इसका फैसला अजीत सिंह और सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह के साथ होने वाली बैठक के बाद तय होगा।
 
दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने आखिर मुलायम सिंह यादव की सपा से हाथ मिलाकर राज्यसभा जाने का प्लेटफॉर्म तैयार कर ही लिया। राज्यसभा में 16 राज्यों की रिक्त होने वाली 58 सीटों के लिए आगामी 11 जून को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिए जारी नामांकन प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश की 11 में से सात सीटों के लिए सपा के सभी सातों घोषित उम्मीदवारों ने नामांकन भी दाखिल कर दिए हैं, लेकिन सपा ने चौधरी अजित सिंह के लिए नामांकन दाखिल कर चुके बिशम्बर निषाद को फिर से राज्यसभा जाने से रोक दिया है यानि उसका टिकट काट दिया है। हालांकि अभी यह अपुष्ट ही है।
 
उत्तर प्रदेश विधानसभा में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी 229 विधायकों के साथ सबसे बड़े संख्याबल के रूप में मजबूत स्थिति में है। इसी मजबूत संख्याबल के सहारे यूपी से 11 राज्यसभा सीटों में से सपा अपने सात प्रत्याशियों का नामंकन भी दाखिल करा चुकी है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मई मंगलवार है।
 
सपा और रालोद का गठबंधन हो जाता है तो यह प्रदेश की राजनीति में निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा की ओर से 401 उम्मीदवार मैदान में उतारे गए थे और पार्टी को 224 सीटों के साथ बहुमत हासिल हुआ था। 
 
2012 में पार्टी को कुल मतों के 29.13 प्रतिशत मत मिले थे। रालोद ने इसी चुनाव में 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से उसके हाथ 9 सीटें लगी थी और उसे कुल वोटों का 2.33 प्रतिशत मिला था। अगर इन दोनों दलों के प्रतिशत जोड़ दिए जाएं तो कुल 31.46 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हरियाणा में फिर भड़केगा जाट आंदोलन, खट्टर ने दी चेतावनी