नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली का अकबर रोड क्या अब महाराणा प्रताप रोड के नाम से जाना जाएगा? हालांकि ऐसा है नहीं लेकिन किसी व्यक्ति अकबर रोड के संकेतक पर महाराणा प्रताप रोड का पोस्टर चस्पा कर दिया।
एएनआई ने एक फोटो ट्वीट किया है, जिसमें अकबर रोड के संकेतक पर महाराणा प्रताप रोड लिखा हुआ है। बाद एएनआई ने ही एक अन्य ट्वीट किया है, जिसमें उस पोस्टर को हटाते हुए दिखाया गया है। इस पोस्टर को अकबर रोड को महाराणा प्रताप रोड किए जाने की मांग से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
इस पोस्टर की चर्चा इसलिए भी ज्यादा हो रही है क्योंकि आज यानी बुधवार को महाराणा प्रताप की जयंती है, जो कि मेवाड़ के शासक थे और उन्होंने ताउम्र अकबर से लोहा लिया था। अकबर रोड पर कांग्रेस का मुख्यालय भी है। गौरतलब है कि सरकार औरंगजेब मार्ग का नाम बदलकर अब्दुल कलाम मार्ग कर दिया था।
कौन थे महाराणा प्रताप : महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है।
महाराणा प्रताप ने भगवान एकलिंगजी की कसम खाकर प्रतिज्ञा ली थी कि जिंदगीभर उनके मुख से अकबर के लिए सिर्फ तुर्क ही निकलेगा और वे कभी अकबर को अपना बादशाह नहीं मानेंगे। अकबर ने उन्हें समझाने के लिए चार बार शांति दूतों को अपना संदेशा लेकर भेजा था लेकिन महाराणा प्रताप ने अकबर के हर प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था।
महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि महाराणा प्रताप तब 72 किलो का कवच पहनकर 81 किलो का भाला अपने हाथ में रखते थे। भाला, कवच और ढाल-तलवार का वजन कुल मिलाकर 208 किलो था। राणा 208 किलो वजन के साथ युद्ध के मैदान में उतरते थे।
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