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लश्कर का नहीं अलकायदा का आतंकी था दुजाना

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सुरेश एस डुग्गर

, शनिवार, 5 अगस्त 2017 (17:46 IST)
श्रीनगर। कश्मीर के एक आतंकी नेता ने ऑडियो क्लिप जारी कर यह दावा किया है कि मारा गया आतंकी सरगना अबू दुजाना लश्करे तैयबा का नहीं बल्कि अल-कायदा का नेता था और वह कश्मीर में अल-कायदा का पहला ‘शहीद’ था। 
 
कश्मीर में सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में मारे गए आतंकी अबू दुजाना और आरिफ की मौत के बाद अब अल-कायदा सूबे में सक्रिय हो गया है। इनकी मौत के बाद बीती शुक्रवार रात कुख्यात आंतकी जाकिर मूसा ने एक ऑडियो टेप जारी किया है। जिसमें दुजाना को इस्लामिक कश्मीर की आजादी में अल-कायदा का पहला शहीद करार दिया है। हालांकि डीजीपी एसपी वैद्य ने ऑडियो की सत्यता पर सवाल उठाए हैं, लेकिन मूसा को दुजाना और आरिफ का करीबी होने से इंकार नहीं किया।
 
गौरतलब है कि सुरक्षाबलों ने एक अगस्त को लश्करे तैयबा छोड़ अल कायदा में शामिल हुए अबू दुजाना और आरिफ को मुठभेड़ में मार गिराया था। जाकिर मूसा भी इस साल हिजबुल मुजाहिदीन को छोड़ अल कायदा में शामिल हुआ था, जिससे घाटी में अल कायदा की सक्रियता ने सुरक्षाबलों को चिंतित कर दिया है। घाटी में हुई कई मुठभेड़ों में इस संगठन के आतंकियों के भी शामिल होने की खबरें सामने आती रही हैं।
 
इस खुलासे के बाद कश्मीर घाटी में भारतीय सुरक्षाबलों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं। दरअसल कश्मीर घाटी में खूंखार आतंकी संगठन अल कायदा धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है। इस बात का खुलासा एक ऑडियो क्लिप से हुआ है। दरअसल जाकिर मूसा ने जो कि कश्मीर में अल कायदा का हेड है, एक ऑडियो क्लिप जारी किया है।
 
इस ऑडियो क्लिप में खुलासा हुआ है कि लश्कर कमांडर अबु दुजाना हाल ही में लश्कर छोड़कर अल कायदा के संगठन अंसार गजवत उल हिंद में शामिल हो चुका था। वहीं दुजाना के साथ मारा गया आरिफ भी इसी संगठन का था।
 
जाकिर मूसा ने ऑडियो क्लिप में दुजाना और आरिफ को अल कायदा का कश्मीर घाटी में पहला शहीद बताया है और उनकी तारीफ की है। यह ऑडियो मूसा के सहयोगियों ने एक जेहादी ग्रुप में शेयर किया था, जहां से यह वायरल हो गया।
 
मामले में डीजीपी वैद्य ने कहा कि उन्होंने साल में 2003 में इसी तरह अल-कायदा की उपस्थिति को लेकर दावे किए थे। हमें जानने की जरूरत है कि ऐसे लोगों की पीछे कौन सी ताकते हैं। क्योंकि हमारे लिए एक आतंकी सिर्फ एक आतंकी ही है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता वो किस संगठन का है।’ डीजीपी वैद्य ने आगे कहा कि अबु दुजाना (27 साल) पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का था और लश्करे तैयबा का मिलिटेंट था। हालांकि मूसा का दावा है कि दुजाना लश्कर छोड़ अल-कायदा में शामिल हो चुका था। दूसरी तरफ सामने आए ऑडियो में कथित तौर पर जाकिर मूसा का दावा है कि अबु दुजाना अल कायदा के कश्मीरी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ गया था। बता दें कि हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर आतंकी जाकिर मूसा ने अल-कायदा के इस संगठन को कश्मीर में शुरू किया है।
 
गौरतलब है कि दक्षिणी कश्मीर में मुठभेड़ शुरू होने से पहले अबु दुजाना और आरिफ ललिहारी का एक और ऑडियो वायरल हुआ था। आरिफ ललिहारी ने कश्मीरी में बोलते हुए कहा कि मैं आरिफ हूं। मैं अपने मां-बाप से यह कहना चाहता हूं जहां हम हैं उस मकान मालिक ने कोई गलती नहीं की है। उनके साथ कोई ज्यादती नहीं होनी चाहिए। मेरे जनाजे में पाकिस्तानी झंडा नहीं लहराया जाना चाहिए।
 
बेहतर यही होगा कि मुझे अब्बास भाई के साथ दफनाया जाए। जनाजे में केवल इस्लामी झंडे लहराए जाने चाहिए। दुजाना भाई को कहीं और नहीं दफनाने देना, उन्हें यहीं रखना। अबु दुजाना ने उर्दू में कहा कि यह तो मौत है, जिसकी जिंदगी है उसकी तो मौत आनी ही है। अल्लाह ने मुझे शहीद होने का मौका दिया। टेंशन की कोई बात नहीं। मैं खुश हूं अल्लाह ने मुझे यह मौका दिया है। अल्लाह ताला मेरी शहादत कबूल करे।

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