नई दिल्ली। स्वामी रामदेव बनाम एलोपैथी डॉक्टरों की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को देशभर में निजी और सरकारी डॉक्टर काला दिवस मना रहे हैं। बताया जा रहा है इस दौरान मरीजों के इलाज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
मंगलवार को देश के विभिन्न हिस्सों में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इस दौरान कहीं डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं कई स्थानों पर अपने हाथ में प्लेकार्ड थामे हुए थे। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के हाथ में पोस्टर भी थे, जिन पर लिखा था- रामदेव पैथी हटाओ, देश बचाओ, रामदेव पैथी में तेल नहीं, कोरोना का इलाज खेल नहीं। कुछ ने रामदेव के फोटो भी थाम रखे थे, जिन पर क्रॉस लगा हुआ था।
उत्तराखंड से प्राप्त जानकारी के अनुसार रामदेव के खिलाफ चिकित्सक काली पट्टी बांधकर काम रहे हैं। इस आंदोलन में सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों के विद्यार्थियों ने भी भागीदारी की है। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ ने स्वास्थ्यकर्मियों से पतंजलि के सभी उत्पादों के बहिष्कार करने व अपने नाते-रिश्तेदारों को इस ओर प्रेरित करने की भी अपील की है।
उल्लेखनीय है कि बाबा रामदेव के एलोपैथी और चिकित्सकों को लेकर दिए बयानों की वजह से निजी व सरकारी चिकित्सक अत्यधिक नाराज चल रहे हैं। आइएमए की उत्तराखंड शाखा रामदेव को 1000 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेज चुकी है। वहीं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी मांग भी वह कर चुकी है।