Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

'छड़ी मुबारक' के बाद अमरनाथ यात्रा संपन्न

Advertiesment
हमें फॉलो करें 'छड़ी मुबारक' के बाद अमरनाथ यात्रा संपन्न
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

, सोमवार, 7 अगस्त 2017 (18:40 IST)
वार्षिक अमरनाथ यात्रा श्रावण पूर्णिमा के दिन 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के मुख्य दर्शनों के साथ ही संपन्न हो गई। आज करीब डेढ़ सौ श्रद्धालुओं ने गुफा के दर्शन किए जबकि 29 जून को आरंभ हुई अमरनाथ यात्रा के 40 दिनों के भीतर 2.60 लाख श्रद्धालुओं ने हिमलिंग के दर्शन किए हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा में 60 श्रद्धालुओं की मौत भी हो गई। पिछले साल यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 2.20 लाख थी और वर्ष 2012 में यह 6.21 लाख थी। इस आतंकियों की मौतों के बाद कश्मीर मंे लोगों के बीच उपजे भय को अमरनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों की कम संख्या की वजह माना गया है।
 
इस यात्रा की प्रतीक पावन पवित्र ‘छड़ी मुबारक’ को आज पवित्र गुफा में भी स्थापित किया गया जिसे लेकर साधुओं का एक दल श्रीनगर के दशनामी अखाड़े से चला था और इस दल का नेतृत्व दशनामी अखाड़े के महंत दीपेंद्र गिरि ने किया था। पूजा प्रतिष्ठा के बाद इस ‘छड़ी मुबारक’ को पुनः उसी अखाड़े में स्थापित कर दिया जाएगा।
 
अधिकारियों ने बताया कि अमरनाथ यात्रा दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के पहलगाम मार्ग और मध्य कश्मीर के गंदरबल जिले के बालटाल मार्ग से 29 जून जुलाई को शुरू हुई थी, इस यात्रा के दौरान 2.60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। ज्यादातर तीर्थयात्रियों ने 45 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग के बजाय 16 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा की।
 
महंत दीपेन्द्र गिरि के नेतृत्व में सोमवार सुबह पंजतरनी से शुरू हुई छड़ी मुबारक की यात्रा में बड़ी संख्या में साधुओं और श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। बम बम भोले और हर हर महादेव जैसे नारों की गूंज के साथ छड़ी मुबारक को पवित्र गुफा में लाया गया। छड़ी मुबारक के यहां पहुंचने के बाद शुरू हुई पूजा दिनभर चली व शाम को छडी मुबारक को रात्रि विश्राम के लिए पंजतरनी ले जाया गया।
 
कल रात तक छडी मुबारक पहलगाम पहुंचेगी। पहलगाम के ही लिदर नदी पर पूजा और विसर्जन के बाद साधु-संतों के लिए पारंपरिक कढ़ी-पकौड़ा भंडारा का आयोजन किया जाएगा। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि यात्रा के 39वें दिन 104 यात्रियों ने बाबा बर्फानी का दर्शन किए तथा अब तक दो लाख 59 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए।
 
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अधिकारियों ने यात्रा को नियंत्रित रखने में पूरी सावधानी बरती। इस यात्रा में किसी गैरपंजीकृत यात्री को शामिल होने नहीं दिया गया। पंजीकृत यात्रियों को सिर्फ उनके तय अवधि के दिन यात्रा करने की इजाजत दी गई।
 
बालटाल और नुनवान आधार शिविर से पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले यात्रियों को भी नियंत्रित किया गया। बालटाल और नुनवान से प्रत्येक दिन 7500 श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत दी गई। अब जबकि यात्रा संपन्न हो गई है तो सरकार ने राहत की सांस ली है। सुरक्षाबलों ने अपनी मेहनत, सतर्कता और चौकसी के कारण उन सभी कोशिशों को नाकाम बना दिया जो यात्रा के लिए घातक साबित हो सकती थीं। पिछले कुछ वर्षों से यह देखने को मिल रहा था कि आतंकी हमले अमरनाथ श्रद्धालुओं में नए उत्साह का संचार करते रहे और प्रत्येक आतंकी घटना के उपरांत यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या और बढ़ जाती थी जिस कारण प्रशासन के लिए परेशानियां पैदा होती थीं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दिलीप कुमार के स्वास्थ्य में सुधार, अभी भी आईसीयू में : अस्पताल