Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अमरनाथ यात्रा में प्रकृति का खलल, कम संख्या में हैं श्रद्धालु

हमें फॉलो करें अमरनाथ यात्रा में प्रकृति का खलल, कम संख्या में हैं श्रद्धालु
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। पिछले 24 दिनों से जारी वार्षिक अमरनाथ यात्रा में इस बार प्रकृति का खलल अपना असर दिखा रहा है। यही कारण है कि अभी तक सिर्फ सवा दो लाख श्रद्धालु ही 14500 फुट की ऊंचाई पर बनने वाले हिमलिंग के दर्शन कर पाए हैं, जबकि अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड ने इस अवधि में साढ़े तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई थी। इतना जरूर था कि 24 दिनों में होने वाली 34 के करीब श्रद्धालुओं की मौतें फिर से चिंता का कारण बनती जा रही हैं।


27 जून को आरंभ हुई वार्षिक अमरनाथ यात्रा इस बार 26 अगस्त को आने वाली श्रावण पूर्णिमा तक चलेगी। कई सालों के बाद यह दो महीनों से अधिक समय तक चलेगी। इतनी लंबी अवधि तक चलने के कारण अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड को यह आस थी कि इस बार की अमरनाथ यात्रा रिकॉर्ड बनाएगी क्योंकि उसने डॉ. नितिन सेन गुप्त की सिफारिशों को दरकिनार करते हुए दोनों यात्रा मार्गों से प्रतिदिन 15 हजार श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दे रखी है।

इस गणित के मुताबिक, उसे नौ लाख के करीब श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। लेकिन उसकी उम्मीदों पर खराब मौसम और प्रकृति का गुस्सा पानी फेर रहा है। अभी तक का हाल यह है कि 24 दिनों में जहां साढ़े तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं को इस यात्रा में शामिल होना चाहिए था वहां श्राइन बोर्ड को सवा दो लाख की संख्या से ही संतोष करना पड़ रहा है। दरअसल यात्रा की शुरुआत के दिन से ही प्रकृति अपना रूप दिखा रही है। यही कारण था कि 24 दिनों के दौरान बीसियों बार यात्रा को स्थगित किया जा चुका है।

यहां  तक कि श्राइन बोर्ड के सदस्य श्रीश्री रवि शंकर व्यक्तिगत तौर पर श्रद्धालुओं से इस बार यात्रा समाप्त करने का आग्रह कर चुके हैं। उनके आग्रह के पीछे की सच्चाई यह थी कि मौसम भयानक रूप दिखा रहा है। कई बार कई स्थानों से यात्रा मार्ग बह चुके हैं। व्यवस्थाएं छिन्न-भिन्न हो चुकी हैं। ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले मौत को आवाज लगा रहे हैं। यह सच भी है। पिछले 24 दिनों में 34 अमरनाथ श्रद्धालुओं की मौतें भी हो चुकी हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, पिछले 24 दिनों की अमरनाथ यात्रा के दौरान कुल 34 लोगों की मौत हुई है और 27 की मौत दिल द्वारा दगा दिए जाने के कारण हुई है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन सभी ने अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र पेश किए थे जिनमें उन्हें अमरनाथ यात्रा के लिए फिट बताया गया था। ऐसे में एक अधिकारी का सवाल था कि 'सच में वे फिट थे'। इन मौतों को रोकने की खातिर श्राइन बोर्ड ने 75 साल से अधिक आयु वालों की यात्रा पर भी प्रतिबंध लगाया है।

खाने-पीने के सामान में फास्ट फूड और देसी घी भी प्रतिबंधित है। जहां तक कि स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अनिवार्य किया जा चुका है और इन सबके बावजूद होने वाली मौतें यह जरूर दर्शाती थीं कि सबकी आंखों में धूल झोंकने वाले अभी भी यात्रा में शामिल हो रहे हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि मरने वालों में कम उम्र के लोग भी शामिल थे, जो चौंकाने वाला तथ्य है।

अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड द्वारा बार-बार यह प्रचारित किया जाता रहा है कि अमरनाथ यात्रा में वे ही लोग शामिल हों जो शारीरिक तौर पर स्वस्थ हों, लेकिन बावजूद इसके इसे मोक्ष प्राप्ति की यात्रा के रूप में प्रचारित करने का परिणाम यह है कि कई बुजुर्ग अपनी उम्र को छुपाकर भी इसमें शामिल हो रहे हैं और सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि नकली स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों के सहारे उनके द्वारा मोक्ष की तलाश की जा रही है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अमेरिका ने खारिज किया पूर्वी यूक्रेन में रूस के जनमत संग्रह का प्रस्ताव