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अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर अमित शाह और योगी आदित्यनाथ भड़के, जानें पूरा मामला

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, बुधवार, 4 नवंबर 2020 (15:30 IST)
मुंबई। 2 साल पुराने एक मामले में वरिष्‍ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर बवाल मच गया। मीडिया जगत के साथ ही भाजपा नेताओं ने भी सख्‍त नाराजगी जताई है। गृहमंत्री अमित शाह से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक सभी अर्नब की गिरफ्तारी से खफा है।
 
उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस ने आज सुबह एक 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।
 
अर्नब ने लगाया गंभीर आरोप : पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अलीबाग पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी को यहां लोअर परेल स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया। पुलिसकर्मी, गोस्वामी को धकेलते हुए वैन में बैठाते देखे गए।
 
इस दौरान गोस्वामी ने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें अपने साथ ले जाने से पहले उनके घर में, उन पर हमला किया।
 
वायरल हुआ वीडियो : वायरल हुए एक वीडियो में गोस्वामी के घर पहुंचे पुलिसकर्मी उनसे यह कहते हुए दिख रहे हैं कि वह उनके साथ शांति से चलें। इस बात पर दोनों के बीच मामूली हाथापाई होती दिख रही है।
 
वहीं पुलिस वैन से गोस्वामी ने दावा किया कि उनके और उनके बेटे के साथ बदसलूकी की गई और उन्हें उनके ससुरालवालों से भी मिलने नहीं दिया गया।
 
धारा 306 के तहत गिरफ्तारी : पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अलीबाग पुलिस ने भादंवि की धारा 306 और 34 के तहत गोस्वामी को गिरफ्तार किया। 2018 में एक व्यक्ति और उनकी मां की आत्महत्या से जुड़े मामले में यह गिरफ्तारी की गई। हमारे पास उनके खिलाफ सबूत भी हैं।
 
क्या है पूरा मामला : पुलिस ने बताया कि ‘कॉनकॉर्ड डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड’ के मालिक अन्वय नाइक ने सुसाइड नोट में दावा किया था कि अर्नब गोस्वामी, आईकास्टएक्स/स्कीमीडिया के फिरोज शेख और स्मार्ट वर्क्स के नितीश सारदा के उनके बकाया पैसों का भुगतान ना करने की वजह से वह आत्महत्या कर रहे हैं।
 
पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट के अनुसार इन तीनों कम्पनियों ने नाइक को क्रमश: 83 लाख रुपए, चार करोड़ रुपए और 55 लाख रुपए देने थे।
 
पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट में जिन अन्य दो लोगों का जिक्र किया गया है, उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है। बकाये का भुगतान ना करने के दावों पर रिपब्लिक टीवी ने एक बयान में कहा कि ‘कॉनकॉर्ड’ को पूरे पैसे दे दिए गए हैं।
 
कैसे उठा मामला : इस वर्ष मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आर्किटेक्ट अन्वय नाइक की बेटी आज्ञा नाइक की नई शिकायत के आधार पर फिर से जांच का आदेश दिए जाने की घोषणा की थी।
 
देशमुख ने बताया था कि आज्ञा ने आरोप लगाया है कि अलीबाग पुलिस ने गोस्वामी के चैनल द्वारा बकाया भुगतान ना करने के मामले में जांच नहीं की। उसका दावा है कि इस कारण ही उसके पिता और दादी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी।
 
गिरफ्तारी पर बवाल : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारीर की निंदा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का खुला दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। ये हमें आपातकाल की याद दिलाता है। स्वतंत्र प्रेस पर इस हमले का विरोध करना होना ही चाहिए और इसका विरोध होगा।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अर्नब की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए इसकी तुलना इमरजेंसी से की है।
 
योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी जी की गिरफ्तारी कांग्रेस पार्टी के द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार है। देश में इमरजेंसी थोपने व सच्चाई का सामना करने से हमेशा मुंह छुपाने वाली कांग्रेस पुनः प्रजातंत्र का गला घोंटने का प्रयास कर रही है।
 
कंगना ने ट्वीट किया, 'पप्पू प्रो को ग़ुस्सा क्यों आता है? पेंगुइन को ग़ुस्सा क्यों आता है? सोनिया सेना को इतना ग़ुस्सा क्यों आता है? अर्नब सर उन्हें बोलने की आज़ादी के लिए अपने बाल खींचने दीजिए और मारपीट करने दीजिए। आजादी का कर्ज चुकाना है।'
 
विरोध करने वालों में पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी समेत कई भाजपाई दिग्गजों के नाम शामिल है। एडिटर्स गिल्ड ने भी अर्नब की गिरफ्तारी की निंदा की है।

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