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आपातकाल के 50 साल, अमित शाह ने बताया क्यों नाम रखा संविधान हत्या दिवस?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 25 जून 2025 (11:10 IST)
Amit Shah on 50 years of Emergency : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का परिचायक था। उन्होंने कहा कि आपातकाल कांग्रेस की सत्ता की भूख का अन्यायकाल था। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया। ALSO READ: आपातकाल के 50 साल, क्या बोले पीएम मोदी?
 
इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून 1975 को आपातकाल लागू किया था। आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हुए शाह ने कहा कि यह दिन सभी को याद दिलाता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है। 
 
शाह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का परिचायक था। उन्होंने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई, न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया। देशवासियों ने ‘सिंहासन खाली करो’ का शंखनाद किया और तानाशाह कांग्रेस को उखाड़ फेंका। इस संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
 
पिछले साल शाह ने घोषणा की थी कि मोदी सरकार 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाएगी, ताकि इस अवधि के दौरान 'अमानवीय पीड़ा' सहने वालों के 'बड़े योगदान' को याद किया जा सके।
 
उन्होंने यह भी कहा था कि 'संविधान हत्या दिवस' मनाने से प्रत्येक भारतीय में व्यक्तिगत स्वतंत्रता व लोकतंत्र की रक्षा की अमर ज्वाला को प्रज्वलित रखने में मदद मिलेगी, जिससे कांग्रेस जैसी तानाशाही ताकतों को उन भयावहताओं को दोहराने से रोका जा सकेगा।
edited by : Nrapendra Gupta 

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