Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अंग्रेजी के जाने-माने लेखक अमिताव घोष को 2018 का ज्ञानपीठ पुरस्कार

Advertiesment
हमें फॉलो करें अंग्रेजी के जाने-माने लेखक अमिताव घोष को 2018 का ज्ञानपीठ पुरस्कार
, शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018 (20:16 IST)
नई दिल्ली। अंग्रेजी के लब्ध-प्रतिष्ठित साहित्यकार अमिताव घोष को वर्ष 2018 के लिए 54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वे अंग्रेजी के पहले लेखक हैं।
 
 
ज्ञानपीठ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि यहां शुक्रवार को प्रतिभा रॉय की अध्यक्षता में आयोजित ज्ञानपीठ चयन समिति की बैठक में अंग्रेजी के लेखक अमिताव घोष को वर्ष 2018 के लिए 54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया।
 
देश के सर्वोच्च साहित्य सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार के रूप में अमिताव घोष को पुरस्कारस्वरूप 11 लाख रुपए की राशि, वाग्देवी की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। ज्ञानपीठ के सूत्रों ने बताया कि अंग्रेजी को 3 साल पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार की भाषा के रूप में शामिल किया गया था और अमिताव घोष देश के सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार से सम्मानित होने वाले अंग्रेजी के पहले लेखक हैं।
 
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 1956 को जन्मे अमिताव घोष को लीक से हटकर काम करने वाले रचनाकार के तौर पर जाना जाता है। वे इतिहास के ताने-बाने को बड़ी कुशलता के साथ वर्तमान के धागों में पिरोने का हुनर जानते हैं। घोष साहित्य अकादमी और पद्मश्री सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।
 
उनकी प्रमुख रचनाओं में 'द सर्किल ऑफ रीजन', 'दे शेडो लाइन', 'द कलकत्ता क्रोमोसोम', 'द ग्लास पैलेस', 'द हंगरी टाइड', 'रिवर ऑफ स्मोक' और 'फ्लड ऑफ फायर प्रमुख हैं। पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी. शंकर कुरूप को प्रदान किया गया था। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

टीम इंडिया के बल्लेबाज हो जाएं सावधान... पर्थ की पिच का मिजाज बदलेगा