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वध के लिए पशुओं की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर विवाद

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, सोमवार, 29 मई 2017 (23:12 IST)
नई दिल्ली/ कोलकाता/ चेन्नई। वध के लिए पशुओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने को लेकर चल रहा विवाद सोमवार को भी काफी गर्म रहा। इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि उनकी सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी।
 
उन्होंने मोदी सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया और कहा कि इसे वैधानिक रूप से चुनौती दी जाएगी। तमिलनाडु के कई हिस्सों में प्रतिबंध के विरोध में प्रदर्शन किए गए और विपक्षी द्रमुक ने 31 मई से आंदोलन की शुरुआत करने की चेतावनी दी है।
 
इस बीच कन्नूर के जिला अध्यक्ष सहित युवक कांग्रेस के तीन कार्यकर्ताओं को सार्वजनिक तौर पर बछड़े को काटने के लिए पार्टी ने निलंबित कर दिया गया है। भाजपा ने सार्वजनिक तौर पर बछड़े को काटने की घटना को शर्मनाक और भड़काऊ बताते हुए कांग्रेस पर जोरदार प्रहार किया। पार्टी ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए वह और कितना गिर सकती है।
 
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि युवक कांग्रेस के नेताओं ने बछड़े को सार्वजनिक रूप से काटा, जबकि संविधान में गोवध प्रतिबंध की अपेक्षा की गई है।
 
प्रसाद ने कहा, यह शर्मनाक है और कई मामलों में भड़काऊ है। राजनीतिक विरोध होता है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह का कृत्य जानबूझकर किया गया वह भी युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना को लेकर विपक्षी दलों की चुप्पी पर सवाल उठाए।
 
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि इसके विरोध में लोगों के मूड को भांपते हुए अनमने तौर पर उन्होंने इस मुद्दे की निंदा की।
 
कोलकाता में ममता ने कहा, राज्य की शक्तियों पर अतिक्रमण करने का यह जानबूझकर किया गया प्रयास है। यह अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और अनैतिक है। यह देश के संघीय ढांचे को खत्म करने का प्रयास है। 
 
उन्होंने कहा, हम प्रतिबंध को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। हम इसे कानूनी रूप से चुनौती देंगे। इस मामले में हम राज्य के महाधिवक्ता से विचार-विमर्श करेंगे। मैं केंद्र से आग्रह करूंगी कि राज्य के मामले में हस्तक्षेप नहीं करे और संघीय ढांचे को बनाए रखे।
 
मदुरै, कोयम्बटूर, इरोड और होसुर सहित तमिलनाडु के कई हिस्सों में प्रदर्शन किया गया। मदुरै में तमिल समर्थक एक संगठन के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया जहां उन्होंने गोमांस खाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया था। आईआईटी मद्रास में छात्रों के एक समूह ने कल रात परिसर में ‘गोमांस भोज’ का आयोजन किया।
 
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने अन्नाद्रमुक सरकार से अपील की कि प्रतिबंध के खिलाफ कानून बनाएं। द्रमुक ने ईके पलानीस्वामी सरकार की मामले पर चुप रहने के लिए आलोचना की जबकि पड़ोसी राज्य केरल और कर्नाटक प्रतिबंध का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
 
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन चेन्नई में प्रतिबंध के खिलाफ 31 मई को प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे। पार्टी ने कहा, संविधान द्वारा प्रदत भोजन के मौलिक अधिकार को छीन लिया गया है। 
 
इस बीच कन्नूर में बछड़े को काटने की घटना का विरोध करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है और सभ्‍य समाज, हमारी संस्कृति और स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ है। 
 
नए दिल्ली में उन्होंने कहा, जिसने भी ऐसा किया है उसके लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं है और इसलिए कार्यकर्ताओं को युवक कांग्रेस ने निलंबित कर दिया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कल घटना को अविवेकपूर्ण और बर्बर करार दिया था।
 
भाजपा ने भले ही केरल की घटना की निंदा की है लेकिन मेघालय के गारो हिल्स के भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने गोमांस पर प्रतिबंध को लेकर डर को दूर करने का प्रयास किया। राज्य में अगले वर्ष चुनाव होना है।
 
भाजपा के तूरा जिला अध्यक्ष बर्नार्ड एन. मारक ने बयान जारी कर कहा, मेघालय में भाजपा के अधिकतर नेता गोमांस खाते हैं। मेघालय जैसे राज्य में गोमांस प्रतिबंधित करने का सवाल ही नहीं उठता खासकर गारो हिल्स में। मेघालय के भाजपा नेता पहाड़ी इलाकों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और संवैधानिक प्रावधानों से अवगत हैं जहां गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। (भाषा)

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