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देश में लोकतंत्र खतरे में : अण्णा हजारे

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, रविवार, 18 फ़रवरी 2018 (21:41 IST)
भिवानी। गांधीवादी नेता अण्णा हजारे ने आज केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और देश की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र खतरे में है। हजारे यहां हुड्डा पार्क के बाहर गैर राजनीतिक संगठन जयहिंद मंच के किसान -जवान महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पैसे से सत्ता व सत्ता से पैसे कमाने वाली पार्टियां करार देते हुए कहा कि देश की जनता जागरूक नहीं। उन्होंने कहा कि अगर मैं चुनाव लङूंगा तो 500 रुपए व शराब लेकर वोट देने वाले मेरी जमानत जब्त करवा देंगे।

साथ ही उन्होने कहा कि देश के लोकतंत्र के लगातार खतरा हो रहा है, क्योंकि लोकसभा व राज्यसभा में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले विधेयक बिना चर्चा के पास हो रहे हैं। हजारे ने एक बार फिर किसानों व जवानों की लड़ाई के लिए मार्च में दिल्ली के रामलीला मैदान से बड़ा आंदोलन शुरू करने की बात कही। उन्होने केंद्र सरकार को अनेक मुद्दों पर घेरा और कहा कि वो केंद्र की भाजपा सरकार को 100 में से मात्र 5 नंबर ही देंगे।

बाद में मीडिया से बातचीत में हजारे ने कहा कि चार साल पहले जनता के दबाव में जनलोकपाल सहित 7 कानून पास हुए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ तो भ्रष्टाचार खत्म करने का प्रचार करती है, वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों व नेताओं के लिए कानून कमजोर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना चर्चा के लोकसभा व राज्यसभा में जनलोकपाल को कमजोर करने के बिल पास हो रहे हैं।

उन्होने कहा कि बिना चर्चा के बिल पास होना लोकतंत्र के लिए खतरा है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जिस दिशा में जा रही है उससे लोकतंत्र की बजाय हुकमतंत्र को बढ़ावा मिल रहा है। हजारे ने कहा कि केंद्र सरकार आश्वासन ज्यादा देती है और काम कम करती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के खाने व दिखाने के दांत अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियां पैसे से सत्ता व सत्ता से पैसे कमाने वाली पार्टियां हैं। पाकिस्तान के साथ कटु संबंधों को लेकर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से लड़ाई समाधान नहीं, लेकिन पाकिस्तान नहीं मानता तो रोज-रोज मर रहे सैनिकों व अधिकारियों को बचाने के लिए एक बार आर-पार की लड़ाई हो ही जानी चाहिए। हजारे ने कहा कि 30 दिनों में कालाधन लाने के नाम पर भाजपा ने केंद्र में सरकार बनाई, लेकिन सरकार नहीं बताती कि कितना काला धन आया या फिर नोटबंदी के बाद कितना काला धन आया। (वार्ता)

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