कोरोना वायरस के कारण शाहीन बाग की महिलाओं ने भी रणनीति बदल दी है। अब 5-5 कर औरतें एक बार में धरने पर बैठेंगी। महिलाओं का कहना है कि वे 5 के घर जाने पर अन्य 5 आकर धरना देंगी। उधर लखनऊ में पिछले 2 महीने से जारी प्रदर्शन खत्म हो गया है।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में लखनऊ के घंटाघर में पिछले 2 महीने से जारी धरना प्रदर्शन कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर सोमवार को स्थगित कर दिया गया। उधर शाहीनबाग में प्रदर्शनकारी की संख्या कम हो गई है, इसलिए रणनीति बदल दी गई है।
लखनऊ में आला अधिकारियों का दल रविवार से ही आंदोलनकारी महिलाओं को समझाने में लगा था जिसका असर सोमवार सुबह 6 बजे दिखाई दिया, जब महिलाओं ने धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम कोरोना के खतरे के टलने तक स्थगित करने की हामी भरी।
आंदोलनकारी महिलाएं हालांकि अपना दुपट्टा धरना स्थल पर सांकेतिक विरोध के तौर पर छोड़कर गईं। पुलिस ने सभी महिलाओं को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचा दिया है। दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर यह धरना कोरोना से निपटने की सरकार की मुहिम पर बाधा बन रहा था और यही कारण था कि पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी आंदोलनकारियों से संपर्क साधे हुए थे।