नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने सरकारी खजाने को 578 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने वाले एंट्रिक्स-देवास सौदा मामले में इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर की जमानत शनिवार को मंजूर कर ली।
विशेष न्यायाधीश संतोष स्नेही मान ने 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत पर नायर को राहत दी।
सीबीआई ने अदालत को सूचित किया कि दो आरोपियों को तलब नहीं किया जा सका है क्योंकि वे अमेरिका जा कर बस गए हैं और उन्हें सम्मन भेजने की कार्रवाई अभी भी चल रही है।
इस बीच अदालत ने अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) की पूर्व अतिरिक्त सचिव आरोपी वीणा एस राव के अदालत के समक्ष पेश नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाया। वीणा इस आधार पर अदालत में पेश नहीं हुईं कि उनकी कर्नाटक के मुख्यमंत्री के साथ बैठक है।
न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें (राव) अपने निर्णय पर सावधानी बरतनी चाहिए.....चूंकि समन जारी होने के बाद यह उनकी पहली पेशी है, उन्हें छूट दी जाती है। जांच एंजेसी ने जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि ये हाई प्रोफाइल लोग हैं और जमानत पर रिहा होने पर फरार हो सकते हैं।
अदालत ने पेश नहीं हुए तीन आरोपियों को छोड़ कर पेश हुए अन्य सभी आरोपियों की जमानत मंजूर कर ली। इनमें इसरो के तत्कालीन निदेशक ए भास्कर नारायण राव तथा एंट्रिक्स के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक आरके श्रीधर मूर्ति भी शामिल हैं।
इससे पहले अदालत ने सीबीआई की ओर से पेश आरोपपत्र पर संज्ञान लेने हुए 16 सितंबर को नायर और अन्य आरोपियों को सम्मन किया था। आरोपपत्र में कहा गया था कि नायर और इसरो तथा अंतरिक्ष विभाग के अन्य अधिकारी ने गलत तरीके से एस बैंड देवास मल्टीमीडियो को दिया था। यह इनसेट सैटेलाइट की प्रतिबंधित वेवलेंथ है। (भाषा)