Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

जेटली का बोझ कम हुआ, गडकरी की जिम्मेदारी बढ़ी

हमें फॉलो करें जेटली का बोझ कम हुआ, गडकरी की जिम्मेदारी बढ़ी
, रविवार, 3 सितम्बर 2017 (17:53 IST)
नई दिल्ली। मोदी सरकार के तीसरे फेरबदल में जहां उम्मीद के अनुरूप अरुण जेटली का बोझ कम हुआ है, वहीं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी को एक और मंत्रालय देकर उनकी जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है।
 
जेटली के पास पहले से ही वित्त और कॉर्पोरेट मामलों जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय थे। मनोहर पर्रिकर के इस साल मार्च में गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद रक्षा जैसे एक और महत्वपूर्ण मंत्रालय का जिम्मेदारी उन्हें दे दी गई थी। 
 
रविवार को हुए फेरबदल में रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी निर्मला सीतारमण को सौंप दी गई है। इससे जेटली को वित्त मंत्रालय के कामकाज तथा वित्तीय नीतियों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने में आसानी होगी।
 
गडकरी के पास पहले से ही 2 मंत्रालय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और जहाजरानी थे। रविवार के फेरबदल में जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय उमा भारती से लेकर उन्हें सौंप दिया गया है। इस प्रकार अब उनके पास 3 मंत्रालय हो गए हैं। 
 
गडकरी की ही तरह डॉ. हर्षवर्द्धन के पास अब 3 मंत्रालय हो गए हैं। उनके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की जिम्मेदारी पहले से थी। अनिल माधव दवे के असामयिक निधन के बाद उन्हें पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था और उम्मीद की जा रही थी कि इस फेरबदल में उनका बोझ भी कम किया जाएगा लेकिन अब वे इन तीनों मंत्रालयों का काम देखेंगे।
 
कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। अब यह मंत्रालय भी पूरी तरह से उन्हें सौंप दिया गया है।
 
नरेन्द्र सिंह तोमर के पास फेरबदल से पहले 5 मंत्रालयों का प्रभार था जिसे कम करके 3 किया गया है। पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालय उनके पास पूर्ववत हैं तथा अब उन्हें खान मंत्रालय सौंपा गया है। उनसे पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय लेकर भारती को, आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन तथा शहरी विकास मंत्रालय लेकर हरदीप सिंह पुरी को दे दिया गया है। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नोटबंदी की असफलता से ध्यान हटाने के लिए किया मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन