नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश में बिजली के वाहनों को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में प्रोत्साहन दे सकती है। सूत्रों ने बताया कि यह प्रोत्साहन माल एवं सेवाकर (जीएसटी) घटाकर और कर में रियायत का लाभ खरीदारों तक पहुंचाकर किया जा सकता है। सरकार ने वर्ष 2030 तक देश में सार्वजनिक यातायात में पूरी तरह तथा निजी कारों के मामले में 40 प्रतिशत वाहन बिजली चालित करने का लक्ष्य रखा है।
उद्योग जगत के सूत्रों ने कहा कि वित्तमंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को पेश होने वाले आगामी बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कर छूट की घोषणा कर सकते हैं, क्योंकि इसके लिए अब तक कुछ खास किया नहीं गया है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार बिजली के वाहनों पर जीएसटी की दर मौजूदा 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर सकती है, इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को कर में भी छूट दी जा सकती है। इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को आयकर लाभ बजट में ही दी जा सकती है जबकि जीएसटी की दरों में संशोधन के लिए जीएसटी परिषद की सहमति की जरूरत होगी।
उन्होंने बताया कि इस कदम से राजस्व पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि देश में वाहनों की कुल बिक्री में बिजली वाले वाहनों का योगदान 1 प्रतिशत से भी कम है। पिछले सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बिजली के वाहनों के लिए कर प्रोत्साहन की पैरवी करते हुए कहा था कि मुझे लगता है कि बिजली के वाहनों के खरीदारों को प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है। (भाषा)